देश के 50 शहरों में 5G सेवाएं हो चुकी हैं शुरू: केंद्र

5G spectrum online auction: 4 groups including Ambani-Adani ahead in auction

नई दिल्ली: देश भर के 50 शहरों में अब तक 5G सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने अक्टूबर से सेवाएं शुरू कर दी हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, सेवा प्रदाता अपने ग्राहकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के 5G-सक्षम उपकरणों के साथ 5G सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

5जी से देश का युवा वर्ग सबसे अधिक लाभान्वित

5जी सेवाओं के लॉन्च का लाभ देश के युवा वर्ग को सबसे अधिक होने वाला है। किसी भी देश व समाज को बनाने में उस देश की युवा पीढ़ी की मुख्य भूमिका होती है। युवा पीढ़ी में न केवल जोश व उत्साह होता है बल्कि उनमें नए विचारों की सृजनात्मक व परिवर्तन लाने वाली दक्षता भी होती है। ऐसे में हमारी सरकार इस युवा शक्ति का सही दिशा में इस्तेमाल करना चाहती है। आज की युवा पीढ़ी को अधिक सक्षम बनाने के लिए देश में 5जी सेवा का होना बहुत जरूरी था क्योंकि इससे देश के लोगों की सहूलियत बढ़ेगी और जीवन जीना आसान बनेगा।

केवल इतना ही नहीं 5जी नए आर्थिक अवसर और सामाजिक लाभ प्रदान कर सकता है और इसे भारतीय समाज के लिए एक परिवर्तनकारी शक्ति बनने की क्षमता प्रदान कर सकता है। यह देश के विकास की पारंपरिक बाधाओं को दूर करने, स्टार्टअप्स और व्यावसायिक उद्यमों द्वारा नवाचारों को बढ़ावा देने के साथ-साथ ‘डिजिटल इंडिया’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। भारत पर 5जी का कुल मिलाकर आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

क्या है 5जी सेवा ?

5G: Aim to contribute $ 450 billion to the economy

उल्लेखनीय है कि वर्षों की गहन तैयारी के बाद 5जी सेवाओं की शुरुआत हो रही है। हाल ही में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी सफलतापूर्वक संपन्न की गई थी और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 1,50,173 करोड़ रुपए के सकल राजस्व के साथ 51,236 मेगाहर्ट्ज आवंटित किया गया था। नीलामी ने एक मजबूत 5जी इको-सिस्टम तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया था, ताकि आईओटी, एम2एम, एआई, एज कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स आदि से जुड़े इसके इस्तेमाल से संबंधित जरूरतों को पूरा कर सकें।

5जी के लिए सरकार ने किए ये प्रयास

-इस क्रम में दूरसंचार विभाग ने अगस्त 2022 में राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) नियम 2016 में संशोधन किया है, जिसमें आरओडब्ल्यू की स्वीकृतियों के लिए शुल्क को उचित बनाया गया है और स्ट्रीट फर्नीचर पर 5जी छोटे सेल और ऑप्टिकल फाइबर केबल की स्थापना के लिए आरओडब्ल्यू शुल्क की एक सीमा तय की गई है।

-दूरसंचार विभाग ने 2018 में प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए आईआईटी, भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु और समीर (एसएएमईईआर) की मदद से 5जी टेस्टेड की स्थापना की है। स्टार्टअप उद्योगों द्वारा इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए 2020 में एक 5जी हैकथॉन शुरू किया गया था और इससे नवीन उत्पादों को बढ़ावा मिला है।

5जी के इस्तेमाल के मामलों पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति 2021 से 12 केंद्रीय मंत्रालयों के समन्वय से कार्य कर रही है, जिससे 5जी यूज-केस प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा सके।

5जी हैंडसेट उपलब्ध कराने के लिए 5जी इको-सिस्टम को सक्षम करने के लिए उद्योग के साथ परामर्श आयोजित किया गया है। मुंबई में निवेशकों, बैंकरों और उद्योग के साथ 5जी व्यापार के अवसरों पर और सरकार द्वारा प्रमुख हस्तक्षेपों की पहचान करने के लिए एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया था।

सी-डॉट ने एक स्वदेशी 5जी नॉन-स्टैंड अलोन (एनएसए) कोर विकसित किया है। सी-डॉट स्थानीय उद्योग और स्टार्टअप के सहयोग से 5जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) भी विकसित कर रहा है। सी-डॉट ने टीसीएस और तेजस नेटवर्क के सहयोग से अपने 4जी कोर का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है।

दूरसंचार इको-सिस्टम देश के लिए गेम-चेंजर

दूरसंचार क्षेत्र स्वदेशीकरण को बढ़ावा देते हुए केंद्र सरकार दूरसंचार इको-सिस्टम को लगातार मजबूत कर रही है। इसके परिणाम स्वरूप भारत तेजी से दूरसंचार क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। संकहर के क्षेत्र में आई क्रांति प्रधानमंत्री के “जय अनुसंधान” के आह्वान को पूरा करने में मदद करेंगे। ये सभी प्रयास भारत के विनिर्माण और दूरसंचार इको-सिस्टम के लिए गेम-चेंजर हैं, जो घरेलू 5जी एंटरप्राइज कैरियर ग्रेड स्टैक के साथ-साथ अभिनव प्रभावशाली 5जी यूज-केस के लिए अग्रणी हैं।

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