बिहार: फ्लोर टेस्ट से पहले 24 ठिकानों पर CBI छापे, लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान का है मामला

Bihar: CBI raids on 24 locations before the floor test, the matter is during Lalu's time as Railway Minister

पटना: केंद्रीय जांच एजेंसी CBI बुधवार को कथित जमीन-रेलवे नौकरियों के मामले में बिहार में 24 ठिकानों पर छापेमारी की है। ये छापेमारी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सांसद अशफाक करीम, फैयाज अहमद और एमएलसी सुनील पांडे के घर आज सुबह से ही की जा रही है। इस छापेमारी पर आरजेडी एमएलसी और बिस्कोमान, पटना के अध्यक्ष सिंह का बयान भी आया है। इस बयान में उन्होंने कहा कि यह जानबूझकर किया जा रहा है। इसका कोई मतलब नहीं है। वे यह सोचकर ऐसा कर रहे हैं कि डर से विधायक उनके पक्ष में आएंगे। मालूम हो कि सुनील सिंह के घर सुबह 7:30 से ही सीबीआई की टीम सक्रिय है।

आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कल रात को ही ट्वीट किया था कि CBI और अन्य केंद्रीय एजेंसियां छापेमारी की तैयारी कर रही हैं क्योंकि बीजेपी बिहार में सत्ता गंवाने को लेकर ‘बेचैन’ है। शक्ति सिंह यादव ने ट्वीट कर कहा था, बौखलाई हुई बीजेपी के सहयोगी सीबीआई, ईडी और आईटी बिहार में बहुत जल्द ही रेड की तैयारी कर रहे है। पटना में जमावड़ा शुरू हो चुका है। कल का दिन अहम है।

दरअसल, यह घोटाला UPA-1 सरकार में लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। सीबीआई ने 18 मई, 2022 को FIR दर्ज की थी। इसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव समेत अन्य लोगों के नाम है। ये भर्ती घोटाला वर्ष 2004 से 2009 के बीच के समय का है। आरोपों है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो जॉब लगवाने के बदले जमीन और प्लॉट लिए गए थे। इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव के करीबी भोला यादव को गिरफ्तार किया था। वर्ष 2004 से 2009 में जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब भोला यादव उनके ओएसडी थे।

Bihar: CBI raids on 24 locations before the floor test, the matter is during Lalu's time as Railway Minister

भोला यादव को जमीन के बदले नौकरी वाले मामले में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने इसी वर्ष 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। आरोप यह है कि रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी के बदले पटना में प्रमुख संपत्तियों को लालू के परिवार के सदस्यों को बेची या गिफ्ट कर दी गई थी। आरोप है कि लालू यादव रेल मंत्री थे तो रेलवे में पहले अस्थायी तौर पर नियुक्त कराते थे और फिर जैसे ही जमीन की डील पूरी हो जाती थी नौकरी को स्थायी कर दिया जाता था। इस तरह से सैकड़ों लोगों और अपने सगे-संबंधियों को नौकरी देने का आरोप आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव पर है।

छापेमारी को लेकर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार सरकार के साथ बिहार की सारी पार्टी है सिवाय बीजेपी के और हम बहुमत में है।

उन्होंने कहा कि हमें डराने के लिए सीबीआई के छापे मारे जा रहे हैं।

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