नई दिल्ली: भारतीय रेल (Indian Railways) में सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल अब रेल यात्रियों को फिर से यात्रा के दौरान पका हुआ भोजन परोसा जा सकेगा। जी हां, रेलवे बोर्ड ने यात्रा के दौरान अब मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में पैंट्री कार फिर से शुरू करने का आदेश दे दिया है। रेल यात्रियों की जरूरत को देखते हुए अब ट्रेन में खाना पकाने की सुविधा शुरू की जा सकती है।
COVID-19 प्रतिबंधों के चलते पैंट्री कार को कर दिया गया था बंद
COVID-19 प्रतिबंधों के चलते पैंट्री कार को बंद कर दिया गया था और ई-कैटरिंग और रेडी-टू-ईट सर्व हो रहा था। रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार को एक पत्र में भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड (IRCTC) को पैंट्री कार सेवा को फिर से बहाल करने को कहा है।
यात्रियों को परोसा जाता रहेगा ‘Ready To Eat’ भोजन भी
रेलवे बोर्ड ने यह भी कहा कि यात्रियों को रेडी-टू-ईट भोजन भी परोसा जाता रहेगा। पत्र में कहा गया है कि सामान्य ट्रेन सेवाओं की बहाली, यात्रा करने वाले यात्रियों की आवश्यकताओं और देशभर के भोजनालयों, रेस्तरां, होटलों और ऐसे अन्य स्थानों में कोविड लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील के मद्देनजर, रेल मंत्रालय द्वारा ट्रेनों में पके हुए भोजन की सेवाओं को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। रेडी-टू-ईट भोजन की सेवा भी जारी रहेगी।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस संकट के बाद से ही रेलवे के पैंट्री कार बीते करीब 18 महीनों से बंद पड़ी थी और इसकी खान-पान सेवा बंद थी। इस समय भारतीय रेलवे की ट्रेन में चाय, कॉफी, स्नेक इत्यादि ही मिलते हैं। लेकिन अब रेल यात्रियों को ट्रेन में पके हुए खाने की सुविधा भी मिलेगी।
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कैटरिंग सर्विस से मिलता है लाखों को रोजगार
गौरतलब हो कि भारतीय रेलवे में कैटरिंग सेवा बंद होने से लाखों लोगों के रोजगार पर भी असर पड़ा है। इससे डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तौर पर जो लोग जुड़े हुए हैं अब कैटरिंग सेवा को फिर से बहाल करने पर उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
IRCTC ने पहली तिमाही में 82 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे की पर्यटन और खानपान इकाई आईआरसीटीसी ने जून तिमाही में 82 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया। कंपनी ने एक साल पहले की अवधि में 24 करोड़ रुपए का घाटा और मार्च तिमाही में 103 करोड़ रुपए का लाभ दर्ज किया था। परिचालन से राजस्व पिछले वर्ष की तिमाही में 131 करोड़ रुपए की तुलना में 85.4 % बढ़कर 243 करोड़ रुपए हो गया।