हरियाणा में स्थापित होगा उत्तर भारत का पहला Nuclear पावर प्लांट

India moving forward on the footsteps of Dr. Homi Bhabha

चंडीगढ़: हरियाणा में जल्द ही उत्तरी भारत का पहला परमाणु (Nuclear) ऊर्जा संयंत्र बन सकता है। यह परमाणु संयंत्र हरियाणा के गोरखपुर में स्थापित होगा, जो नई दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से लगभग 150 किलोमीटर उत्तर में होगा। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने यह फैसला देश की भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया है।

पहले दक्षिण भारतीय राज्यों तक ही सीमित थे Nuclear Power Plant

केंद्रीय परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहामकि पीएम मोदी के शासन काल के दौरान, यह प्रमुख उपलब्धियों में से एक है कि देश के अन्य हिस्सों में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना होगी। यह पहले तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे ज्यादातर दक्षिण भारतीय राज्यों या पश्चिम में महाराष्ट्र तक ही सीमित थे। उन्होंने कहा- ‘भारत की परमाणु क्षमता को बढ़ाने की प्राथमिकता के अनुरूप सरकार द्वारा यह क्रांतिकारी फैसले लिए गए हैं।’

10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए दी गई स्‍वीकृति

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले 8 वर्षों में कई क्रांतिकारी फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए एक व्‍यापक स्‍वीकृति दी गई है।

भारत की सभी ऊर्जा आवश्‍यकताओं को पूरा करने की होगी क्षमता

बताना चाहेंगे कि हरियाणा के गोरखपुर में स्थापित होने वाला परमाणु ऊर्जा संयंत्र इन्हीं में शामिल है। भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को खोलने हेतु संसाधनों के लिए सार्वजनिक उपक्रमों के साथ संयुक्त उद्यम बनाने की भी अनुमति दी गई है। चूंकि यह आगामी और आशाजनक क्षेत्र है, इसलिए इसमें आने वाले समय में भारत की सभी ऊर्जा आवश्‍यकताओं को पूरा करने की भी क्षमता है।

अणु विद्युत परियोजना की 700 मेगावाट क्षमता की होंगी दो इकाइयां

हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के पास 1,400 मेगावाट का यह परमाणु ऊर्जा संयंत्र निर्माणाधीन है जिसमें अणु विद्युत परियोजना (GHAVP) की 700 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां हैं। इनमें से प्रत्येक में प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (PHWR) स्वदेशी डिजाइन है।

4,906 करोड़ की राशि हो चुकी खर्च

अब तक, कुल आवंटित धनराशि 20,594 करोड़ में से ₹4,906 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए फायर वॉटर पम्प हाउस (एफडब्ल्यूपीएच), सुरक्षा संबंधित पंप हाउस (एसआरपीएच), ईंधन तेल भंडारण क्षेत्र 1 और 2 (एफओएसए 1 और 2), वेंटिलेशन स्टैक, ओवरहेड टैंक (ओएचटी), स्विचयार्ड कंट्रोल बिल्डिंग, सुरक्षा जैसे अन्य मुख्य संयंत्र भवनों का निर्माण संबंधित और गैर-सुरक्षा संबंधी सुरंग और खाइयां, रिटेनिंग वॉल और गारलैंड ड्रेन का काम अच्छी तरह से चल रहा है।

तेजी से चल रहा काम

न्यूक्लियर प्लांट के लिए तेजी से काम चल रहा है। इस क्रम में अभी तक टर्बाइन बिल्डिंग- 1 और 2, 220 केवी स्विचयार्ड और आईडीसीटी-1ए में जमीनी सुधार पूरा हो गया है जबकि एक 400 केवी स्विचयार्ड, आपातकालीन मेकअप पानी तालाब और स्टेशन सड़कें प्रगति पर हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग ने बताया है कि “प्राइमरी कूलेंट पंप, कैलेंड्रिया, रिएक्टर हेडर्स, रिफ्यूलिंग मशीन हेड्स, मॉडरेटर और अन्य डी20 हीट एक्सचेंजर्स आदि जैसे प्रमुख लंबे विनिर्माण चक्र उपकरणों के लिए खरीद के ऑर्डर पहले से ही दिए जा चुके हैं। पहली इकाई के लिए एंड शील्ड और सभी स्टीम जेनरेटर साइट पर प्राप्त हो गए हैं। अन्य उपकरणों का निर्माण विभिन्न चरणों में है और निर्माण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए साइट पर डिलीवरी अच्छी तरह से होने की उम्मीद है।

अलावा इसके प्रचालनगत ठंडे पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टोहाना से जीएचएवीपी तक जल वाहिनी का निर्माण हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग (एचआई और डब्‍लयूआरडी) के माध्यम से जमा कार्य के रूप में आरंभ किया गया है और इसकी प्रगति अच्छी चल रही है।

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