काठमांडू : नेपाल (Nepal) में यति एयरलाइंस का प्लेन रविवार सुबह क्रैश हो गया। राहत और बचाव कार्य में जुटे लोगों ने 68 शव बरामद बरामद कर लिए हैं, जबकि चार लोग लापता हैं। नेपाली आर्मी के प्रवक्ता कृष्ण प्रसाद भंडारी ने सोमवार को कहा कि उन्हें दुर्घटना स्थल से अभी तक कोई भी जिंदा नहीं मिला। वहीं, आज 04 लापता लोगों को ढूंढने के लिए फिर से सर्च अभियान शुरू हो गया हैं।
लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले पहाड़ से टकराया प्लेन
प्लेन काठमांडू से लगभग 200 किलोमीटर दूर पोखरा एयरपोर्ट पर लैंडिंग से सिर्फ 10 सेकेंड पहले पहाड़ से टकराया और नदी में जा गिरा। प्लेन ATR-72 में 68 यात्री और चार क्रू मेंबर सवार थे। 68 शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि चार लोग लापता हैं। इनकी तलाश में स्थानीय प्रशासन ने नदी में गोताखोरों को भी उतारा था, लेकिन सफलता नहीं मिली। अंधेरा होने पर कल सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया था।
शवों को आज परिजनों को सौंपने की तैयारी
विमान हादसे में मरने वालों के शवों को आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद आज उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। कास्की के सहायक मुख्य जिला पदाधिकारी अनिल शाही ने बताया कि चिन्हित शवों को सुबह 09 बजे से प्रक्रिया पूरी कर संबंधित परिवारों को सौंपने की तैयारी की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अज्ञात, विदेशी नागरिकों और जिन लोगों के रिश्तेदार काठमांडू में हैं, उनके शवों को हेलीकॉप्टर से भेजने की तैयारी की जा रही हैं।
भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए
हादसे को लेकर भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इनमें दिवाकर शर्मा: +977-9851107021 काठमांडू और लेफ्टिनेंट कर्नल शशांक त्रिपाठी: +977-9856037699 पोखरा क्षेत्र के लिए हैं। इन दोनों नंबरों पर मृतक भारतीय यात्रियों के परिजन किसी भी प्रकार की मदद के लिए बातचीत कर सकते हैं।
क्रैश होने के एक घंटे बाद मिली हादसे की खबर
सूत्रों के मुताबिक, हादसा रविवार सुबह 10.57 बजे के करीब हुआ। विमान पहाड़ी से टकराकर येति नदी के पास खाई में जा गिरा। स्थानीय लोग राहत और बचाव के लिए पहुंच गए। हालांकि मीडिया में यह खबर एक घंटे बाद यानी दोपहर करीब 12 बजे आई।
India-Pak ने किया अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और कैदियों की सूची का आदान-प्रदान
विमान के मलबे से 68 शव निकाले गए
पोखरा के जिला अधिकारी टेक बहादुर केसी ने बताया कि विमान के मलबे से 68 शव निकाले जा चुके हैं। हालांकि चश्मदीदों का कहना है कि हादसे में कोई भी जिंदा नहीं बचा। अभी तक सिर्फ पांच शवों की पहचान हो पाई हैं। बाकी शवों को पहचानना मुश्किल हैं। घटनास्थल से दो लोगों को जीवित निकाला गया, दोनों मछुआरे थे। अब तक 20 शवों की पहचान हो गई हैं। पहचान नहीं हुए शवों को DNA परीक्षण के लिए हेलिकॉप्टर के जरिए काठमांडू भेजा जाएगा।