राहुल की ED के सामने पेशी: दिल्ली में कई कांग्रेस नेता हिरासत में; राहुल के घर पहुंची प्रियंका, ED ऑफिस के पास थ्री-लेयर प्रोटेक्शन

नई दिल्ली: राहुल गांधी आज नेशनल हेराल्ड केस में ED मुख्यालय में 11:00 बजे पेश होंगे। राहुल की पेशी के पहले प्रियंका गांधी वाड्रा उनसे मिलने उनके घर पहुंचीं। ऐसी चर्चा है कि वह भी राहुल के साथ पैदल मार्च करके ED मुख्यालय जा सकती हैं। राहुल के साथ कांग्रेस के सांसद और अन्य नेता इस मार्च में शामिल होंगे। राहुल गांधी से जांच के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय से हिरासत में ले लिया हैं। पुलिस कांग्रेसियों को बस में बैठाकर ले गए।

कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय से ED ऑफिस तक का रास्ता सील कर दिया हैं। ED दफ्तर के पास थ्री-लेयर सुरक्षा घेरा तैयार किया हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया- पहले घेरे के पास ही भीड़भाड़ को रोका जाएगा। दूसरे लेयर को राहुल की गाड़ी क्रॉस करके जा सकते हैं। तीसरे लेयर के बाद उन्हें अकेले ही ED दफ्तर जाना होगा।

हमने भाजपा की तरह देश की संपत्तियां नहीं बेची: सुरजेवाला

राहुल गांधी से पूछताछ के विरोध में कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा- नेशनल हेराल्ड में कोई घोटाला नहीं हुआ। नेशनल हेराल्ड कंपनी ने यंग इंडिया कंपनी का बकाया चुकाया हैं और कर्मचारियों का वेतन दिया। हमने भाजपा सरकार की तरह भारत की सरकारी संपत्तियों को बेचा नहीं हैं।

नेताओं के बयान:

अशोक गहलोत: शांतिपूर्ण मार्च से सरकार को दिक्कत क्या हैं?

भूपेश बघेल: आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन विचारों को कैद नहीं कर सकते।

प्रमोद तिवारी: राहुल गांधी पर फर्जी केस लगाया गया।

दिग्विजय सिंह: मोदी जब डरते हैं ED को आगे करते हैं।

सचिन पायलट: केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही हैं।

शिवसेना नेता संजय राउत: राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई गैरकानूनी हैं। जो भी BJP के खिलाफ बोलता हैं, उस पर कार्रवाई होती हैं।

रॉबर्ट वाड्रा: राहुल गांधी तमाम निराधार आरोपों से बरी होंगे और सत्य की जीत होगी।

कार्ति चिदंबरम: मुझे ED के नोटिस सबसे ज्यादा बार मिले हैं। मैं ED के मामलों में कांग्रेस का विशेषज्ञ हूं।

आज असिस्टेंट डायरेक्टर लेवल के अफसर करेंगे पूछताछ:

ED सूत्रों की मानें तो आज राहुल से असिस्टेंट डायरेक्टर लेवल के अधिकारी पूछताछ करेंगे। पूछताछ सामान्य तरीके से की जाएगी, जैसे बाकी आने वाले लोगों से की जाती हैं। जांच के दौरान राहुल गांधी अपना मोबाइल फोन यूज नहीं कर पाएंगे और ना ही अपने किसी साथी राजनेता को उनके साथ ED कार्यालय में अंदर आने की इजाजत नहीं हैं।

सवालों की लंबी सूची तैयार:

ED ने राहुल गांधी से पूछताछ के लिए सवालों की लंबी सूची तैयार कर ली हैं। लगभग दो दर्जन सवाल ED के अफसर पूछेंगे, जो सभी नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया कंपनी से जुड़े हैं। राहुल गांधी यंग इंडिया कंपनी में अपनी मां सोनिया गांधी के साथ 38-38% के हिस्सेदार हैं। बाकी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस के पास हैं। इन दोनों नेताओं का देहांत हो चुका हैं।

ED ने सोनिया को भी बुलाया:

ईडी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को पूछताछ के लिए बुलाया हैं। इससे पहले 8 जून को पूछताछ के लिए समन किया था, लेकिन 1 जून को वे कोरोना पॉजटिव हो गई थीं। इसी वजह से वे पेश नहीं हो पाईं। वहीं, रविवार को कोरोना के चलते सोनिया की तबीयत बिगड़ गई। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा हैं।

केस को ऐसे समझिए:

​​​1938 में कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) बनाई थी। इसी के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला जाता था। उस वक्त AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसी को खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई। जिसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% थी।

यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए गए। कहा गया कि इसके एवज में यंग इंडिया AJL की देनदारियां चुकाएगी, लेकिन शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने की वजह से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिला। AJL की देनदारियां चुकाने के लिए कांग्रेस ने जो 90 करोड़ का लोन दिया था, वह भी बाद में माफ कर दिया गया।

55 करोड़ की हेराफेरी का हैं आरोप:

2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराया था। इसमें स्वामी ने गांधी परिवार पर 55 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया था। हालांकि, इस केस में ED की एंट्री साल 2015 में हुई।

केस में अब तक क्या-क्या हुआ:

1 नवंबर 2012 को दिल्ली कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराया, जिसमें सोनिया-राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए। ये सभी कांग्रेस से जुड़े हैं।

26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया।

1 अगस्त 2014 के ED ने इस मामले में संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।

मई 2019 में इस केस से जुड़ी 64 करोड़ की संपत्ति को ED ने जब्त किया।

19 दिसंबर 2015 को इस केस में सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को दिल्ली पटियाला कोर्ट ने जमानत दे दी।

9 सितंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सोनिया और राहुल को करारा झटका दिया था। कोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।

कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी, लेकिन 4 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने कहा कि आयकर की जांच जारी रहेगी। हालांकि, अगली सुनवाई तक कोई आदेश पारित नहीं होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *