चुनावी जंग में पीछे हटे सिद्धू: दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में नहीं कर रहे प्रचार, अमृतसर ईस्ट में पहली बार डोर टू डोर, चन्नी ने संभाली कमान

Amritsar East election

चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा की चुनावी election जंग में कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू पीछे हट गए हैं। कांग्रेस का CM चेहरा न बनाए जाने के बाद वह अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित हो गए हैं। पार्टी प्रधान के तौर पर वह किसी दूसरे विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार नहीं कर रहे। उनकी आखिरी चुनावी रैली अमरगढ़ में अपने करीबी स्मित के हक में हुई। पहली बार वह अमृतसर ईस्ट Amritsar East में डोर टू डोर जाकर वोट मांग रहे हैं। इससे पहले वह सिर्फ जनसभा करते थे। उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू जरूर घर-घर जाकर वोट मांगती थी। इसके उलट CM चरणजीत चन्नी ने पूरा मोर्चा संभाल रखा हैं। कल उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह के गढ़ पटियाला में प्रचार किया। वह आज भी माझा और दोआबा में प्रचार कर रहे हैं।

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सिद्धू ने कहा – मैं हाईकमान के साथ:

नवजोत सिद्धू से अमृतसर में पूछा गया कि वह पंजाब चुनाव में CM चरणजीत चन्नी के साथ हैं या नहीं?। यह सवाल इसलिए था क्योंकि अब कांग्रेस चन्नी की अगुवाई में चुनाव लड़ रही हैं। सिद्धू ने सीधा जवाब दिया कि वह कांग्रेस हाईकमान के साथ हैं। उनके फैसले का सम्मान करते हैं। सिद्धू ने भविष्य के लिए भी संकेत दिए कि हाईकमान से दोगुने वह पंजाब के साथ हैं। राहुल गांधी के सामने भी सिद्धू कह चुके कि वह अरबी घोड़ा हैं, जो गधों के अस्तबल से भारी होता हैं। वहीं सिद्धू ने निर्णय लेने की भी ताकत मांगी थी।

सिद्धू दावा ठोकते रह गए, चन्नी CM चेहरा बन गए:

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कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से हटाने के बाद नवजोत सिद्धू लगातार CM कुर्सी पर दावा ठोकते रहे। इसके लिए सिद्धू जल्दबाजी में पार्टी मेनिफेस्टो से पहले ‘पंजाब मॉडल’ तक पेश कर दिया। सिद्धू चंडीगढ़ में बैठकर पंजाब मॉडल को सजाकर बैठे रहे। इसके बावजूद कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू को झटका दे दिया। राहुल गांधी ने पंजाब आकर चरणजीत चन्नी को ही CM चेहरा घोषित कर दिया।अब सिद्धू यहां तक कह चुके कि पंजाब मॉडल लागू करने की ताकत चरणजीत चन्नी के हाथ हैं।

टिकट वितरण से पहले दिखा रहे थे तेवर:

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पंजाब चुनाव के लिए कांग्रेस के टिकट वितरण से पहले सिद्धू अति आत्मविश्वास में थे। वह पूरे पंजाब में ताबड़तोड़ प्रचार करते रहे। यहां तक कि पार्टी लाइन को दरकिनार कर कैंडिडेट तक घोषित करते रहे। सिद्धू चन्नी सरकार को तक धमकाते रहे। अपने दम पर कांग्रेस को 60 से 70 सीटों का दावा ठोकते रहे। हालांकि टिकट वितरण में न चलने और फिर सीएम चेहरा न बनने के बाद सिद्धू अब मायूस नजर आ रहे हैं।

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