फ्रांस से भारत पहुंचे 2 लड़ाकू विमान, HAL में किए जायेंगे अपग्रेड

Two fighter aircraft arrived in India from France, will be upgraded in HAL

नई दिल्ली: फ्रांस से खरीदे गए 24 सेकेंड हैंड मिराज-2000 में से दो लड़ाकू विमान भारत पहुंच गए हैं जिन्हें ग्वालियर एयरबेस पर रखा गया है। इन्हें अपग्रेड करने के लिए हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) भेजा जायेगा जहां पहले से ही भारतीय वायुसेना के पास मौजूद मिराज-2000 को अपग्रेड किया जा रहा है। बता दें कि बालाकोट स्ट्राइक में भारतीय वायुसेना के इन्हीं लड़ाकू विमानों ने आतंकी ठिकानों पर 1,000 किलो से ज्यादा विस्फोटक गिराए थे।

भारतीय वायुसेना ने किए फ्रांस के साथ हस्ताक्षर

भारतीय वायुसेना ने फ्रांस से 24 सेकेंड हैंड मिराज-2000 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 27 मिलियन यूरो के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। फ्रांसीसी वायुसेना के साथ किया गया यह अनुबंध भारतीय वायु सेना को मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के अपने बेड़े को बनाए रखने में मदद करेगा।

बताना चाहेंगे कि यह दूसरा ऐसा समझौता है, जिस पर भारतीय वायु सेना ने ओके एयरफ्रेम खरीदने के लिए हस्ताक्षर किए हैं। इससे पहले भी भारत ने पुराने मिराज की आपूर्ति के लिए फ्रांसीसी कंपनियों के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जो पिछले साल ग्वालियर पहुंचे हैं। नए अनुबंध के तहत फ़्रांसीसी वायुसेना से खरीदे गए 24 लड़ाकू विमानों में से 13 उड़ने के लिए तैयार स्थिति में हैं। इसमें 8 विमान मौजूदा इंजन और एयरफ्रेम के साथ सर्विसिंग के बाद उड़ान भरने के लिए तैयार हैं।

नए अनुबंध के तहत खरीदे गए 11 लड़ाकू विमान आंशिक रूप से पूर्ण हैं, जिन्हें ईंधन टैंक और इजेक्शन सीटों के साथ अपग्रेड करके उड़ान भरने लायक बनाया जायेगा। इनमें से किसी भी विमान की आपूर्ति उड़ान करके नहीं की जाएगी। इसीलिए फ्रांस से आये दो विमानों की आपूर्ति कंटेनरों में की गई है।

लड़ाकू विमान राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने ही मल्टीरोल फाइटर मिराज 2000 का निर्माण किया है। भारतीय वायुसेना ने वर्ष 1985 में चौथी पीढ़ी के लगभग 50 लड़ाकू विमान मिराज-2000 रखरखाव अनुबंध के साथ फ्रांस से खरीदे थे। वर्ष 2005 में यह अनुबंध समाप्त होने के बाद 2015-2016 में फ्रांसीसी निर्माता कंपनी के साथ एक और अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

HAL में किया जायेगा अपग्रेड

मौजूदा समय में वायुसेना के पास 50 मिराज-2000 हैं, जिन्हें अपग्रेड करने के लिए भी अनुबंध किया गया है। मिराज-2000 को फ़्रांसीसी सहयोग से हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड में अपग्रेड किया जा रहा है। इन्हीं के साथ फ्रांस से खरीदे गए 24 सेकेंड हैंड मिराज-2000 को भी अपग्रेड किया जाना है।

फ्रांस से 2016 में 4.5 पीढ़ी के राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा होने से पहले तक मिराज-2000 भारत की अग्रिम पंक्ति का लड़ाकू विमान था, जिसने कारगिल युद्ध में अपनी प्रतिभा का असाधारण प्रदर्शन किया। इसके बाद वायुसेना की 35 साल पुरानी मिराज फ्लीट ने वर्ष 2019 में बालाकोट ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के कैंप तबाह किये थे। विमान ने अपने स्पाइस-2000 बमों को सटीक रूप से पाकिस्तान के क्षेत्र में गहरे लक्ष्य तक ले जाने के लिए दागा था।

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