नई दिल्ली: देश आज पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल (Vallabh Bhai Patel) की जयंती मना रहा हैं। इस खास मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरदार पटेल के स्मारक स्थल पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवड़िया पहुंचे। उन्होंने यहां सरदार पटेल के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
एक तरफ दर्द से भरा दिल तो दूसरी तरफ कर्तव्य का रास्ता
सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों प्रति शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, मैं एकता नगर में हूं लेकिन मेरा मन मोरबी के पीड़ितों के साथ हैं। मैंने अपने जीवन में शायद ही कभी इस तरह के दर्द का अनुभव किया होगा। एक तरफ दर्द से भरा दिल हैं तो दूसरी तरफ हैं कर्तव्य का रास्ता। उन्होंने कहा, मोरबी हादसे के बाद देश का हर नागरिक हादसे के शिकार लोगों के लिए दुआ करने लगा। स्थानीय लोग दुर्घटनास्थल और अस्पताल में मदद के लिए आगे आ रहे हैं। यह देश एकता की ताकत हैं।
भारत की प्रगति से परेशान ताकतें आज भी मौजूद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पहले की तरह भारत की प्रगति से परेशान ताकतें आज भी मौजूद हैं। वे हमें तोड़ने और बांटने की कोशिश करते हैं। जातियों के नाम पर हमें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश करती हैं। क्षेत्रों के नाम पर हमें बांटने की कोशिश की जा रही हैं। एक भारतीय भाषा को दूसरी भारतीय भाषा का दुश्मन बनाने के लिए अभियान चलाए जाते हैं। इतिहास को इस तरह प्रस्तुत किया जाता हैं कि लोग एक-दूसरे से जुड़ते नहीं बल्कि एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा, यह अवसर हमें याद दिलाता हैं कि क्या होता अगर आजादी के दौरान भारत के साथ सरदार पटेल जैसा नेतृत्व नहीं होता। क्या होता अगर 550 से अधिक रियासतें एकजुट नहीं होतीं। मां भारती के प्रति समर्पण नहीं दिखाया होता तो क्या होता?