शिमला: हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले के परवाणू स्थित Timber Trail रोपवे (केबल कार) में सोमवार को 11 लोग फंस गए। सभी लोगों को रस्सी के सहारे सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया हैं। यह ट्रॉली पांच घंटे से भी ज्यादा समय तक 120 फीट ऊंचाई पर अटकी रही।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान शिमला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक रोक देने की वजह से दोनों तरफ लंबा जाम लग गया। सोलन जिला प्रशासन और टिंबर ट्रेल के टेक्निकल स्टाफ की मदद से फंसे हुए सैलानियों को सुरक्षित निकाला गया।
प्रशासन ने ट्रॉली में फंसे लोगों का मनोबल बढ़ाने में लगा रहा। रेस्क्यू करने के बाद निकाले गए लोगों के स्वास्थ्य जांच की गई। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद मौके पर पहुंचे।
राज्य के प्रवेश द्वार परवाणू के पास टिंबर ट्रेल से करीब 800 मीटर दूर पहाड़ी पर टिंबर ट्रेल रिजॉर्ट हैं। होटल के लिए लोग रोपवे के जरिए पहुंचते हैं। सोमवार को करीब 11 बजे ट्रॉली में तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद से ट्रॉली हवा में लटक गई।
बुजुर्गों को आई रेस्क्यू में दिक्कतें:
ट्रॉली में फंसे लोग दिल्ली के रहने वाले थे। इनमें कई बुजुर्ग भी थे, जो रस्सी के जरिए उतरने में घबराहट महसूस कर रहे थे। ट्रॉली में फंसे लोग खुद वीडियो बनाकर मदद की अपील करते नजर आए।
30 साल पहले भी हुआ हादसा:
इससे पहले भी अक्टूबर 1992 को कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर स्थित टिंबर ट्रेल में 11 सैलानी फंसे थे। इनमें एक बच्चा भी शामिल था। उस दौरान एक ट्राली अटेंडेंट गुलाम हुसैन ने जान बचाने के लिए छलांग लगा दी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।