नई दिल्ली: 14 जुलाई से सावन की शुरुआत हो गई हैं। वहीं, पंचांग के अनुसार सावन का महीना शुभ मुहूर्त में आरंभ हुआ हैं। जिस कारण इस बार के सावन का महत्व और बढ़ गया हैं। ऐसा माना जाता हैं कि जो भी इस मास में जो भक्त श्रद्धा और भक्तिभाव से भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि पूर्वक उपासना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं हिंदू धर्म में 16 सोमवार व्रत का खास महत्व हैं। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित हैं। संकटों से छुटकारा पाने के लिए सोलह सोमवार का व्रत किया जाता हैं। 16 सोमवार का व्रत करने से भोलेनाथ और मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं।
सोलह सोमवार का व्रत सावन, वैशाख और मार्गशीर्ष के पहले सोमवार से शुरू किया जाता हैं। ऐसे में इस व्रत को सावन के पहले सोमवार से भी शुरू किया जा सकते हैं। इस व्रत को 16 सोमवार तक जरूर करना चाहिए। 16 सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती का भी आशीर्वाद मिलता हैं।
16 सोमवार व्रत की पूजा विधि
सोमवार व्रत के दिन सुबह नहाने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के पूजा मंदिर या पूजन स्थल को साफ करके वहां दीप जलाया जाता हैं। सभी देवी-देवताओं को ध्यान करके उन्हें जल से अभिषेक किया जाता हैं। शिवलिंग पर गंगाजल या कच्चा दूध अर्पित किया जाता हैं, फिर भगवान शिव को फूल अर्पित किया जाता हैं। साथ ही उन्हें बेलपत्र भी चढ़ाया जाता हैं। इसके बाद भगवान शिव को भोग लगाया जाता हैं। अंत में भगवान शिव और मां पार्वती की आरती की जाती हैं। सावन में सोमवार व्रत की कथा जरूर सुनें।
व्रत में करें फलाहार
16 सोमवार व्रत के दौरान फलाहार किया जा सकता हैं, ऐसे में आप इस व्रत में सेब, केला, अनार, संतरा का सेवन कर सकते हैं। व्रत के दिन अन्न ग्रहण नहीं किया जाता हैं, हालांकि कुछ लोग इस व्रत में दिन में फलाहार भी नहीं करते, सिर्फ शाम को एक फलाहार का सेवन करते हैं।
सावन माह में ये करें
-सावन व्रत में अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। इन दिनों में सादे नमक की जगह सेंधा नमक ही खाना चाहिए।
-सावन के दिनों में केवल मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। इसी के साथ साबूदाना खिचड़ी और डेयरी उत्पाद जैसे- पनीर, दूध, दही, छाछ आदि का सेवन कर सकते हैं।
-सोमवार का व्रत करने वाले लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जरूर करना चाहिए।
-शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल का पंचामृत बनाकर अभिषेक करें।