नई दिल्ली: भारतीय नौसेना का पोत खंजर, जो एक स्वदेश निर्मित अपतटीय गश्ती पोत है, इंडोनेशियाई नौसेना के पोत केआरआई-सुल्तान ताहा सैफुद्दीन (376), जो एक कपिटन पतिमुरा-क्लास कार्वेट है, के साथ 23 से 24 नवंबर तक एक समन्वित गश्त (कॉर्पैट) करने जा रहा है। भारत और इंडोनेशिया (India-Indonesia) के बीच कॉर्पैट के इस संस्करण में दोनों देशों के समुद्री गश्ती विमानों की भागीदारी भी देखी जाएगी। यह अभ्यास COVID-19 महामारी के मद्देनजर ‘गैर-संपर्क, “केवल समुद्र में संचालित” अभ्यास के रूप में आयोजित किया जा रहा है और दो मित्र नौसेनाओं के बीच आपसी विश्वास, तालमेल एवं सहयोग को उजागर करता है।
भारत और इंडोनेशिया 2002 से वर्ष में दो बार अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के साथ समन्वित गश्त (कॉर्पैट) कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण हिस्से को वाणिज्यिक शिपिंग, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित और वैध समुद्री गतिविधियों का संचालन करने के लिए सुरक्षित रखना है। कॉर्पेट नौसेनाओं के बीच समझ और अंतःक्रियाशीलता बनाने में मदद करते हैं, और अवैध अन-रिपोर्टेड अनियमित (आईयूयू) मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती और समुद्री डकैती को रोकने और दबाने के लिए उपायों के गठन की सुविधा प्रदान करते हैं।
भारत सरकार के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण के अंतर्गत भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रियता से जुड़ रही है। भारत और इंडोनेशिया ने परंपरागत रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों का आनंद लिया है जिसमें विभिन्न गतिविधियों और बातचीत के व्यापक आयाम शामिल हैं, जो पिछले कुछ वर्षों में मजबूत और संस्थागत हुए हैं। निरंतर होती बंदरगाह यात्राओं, द्विपक्षीय अभ्यासों और प्रशिक्षण संबंधी आदान-प्रदान के साथ दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री बातचीत लगातार बढ़ रही है।
भारत और इंडोनेशिया के बीच कॉर्पेट का 37वां संस्करण दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने और पूरे हिंद प्रशांत क्षेत्र में मित्रता मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।