नई दिल्ली: भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTA) को ऑस्ट्रेलियाई संसद (Australian Parliament) से मंजूरी मिल गई है। ऑस्ट्रेलियो के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट पर लिखा- बड़ी खबर: भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है। बता दें भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (AI-ECTA) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता थी। भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है।
उन्होंने आगे लिखा कि हमारी गहरी दोस्ती के चलते, यह हमारे लिए व्यापार संबंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मंच तैयार करता है।
अब दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा। सीमा शुल्क अधिकारी इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करेंगे।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जताई खुशी
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि खुशी है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पारित कर दिया है।
ये दोनों विधेयक ऑस्ट्रेलिया के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि चीनी बाजार के अस्थिर होने चलते भारत के साथ निर्यात में विविधता लाना जरूरी है, जबकि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ को छोड़ने के बाद उसके साथ नया द्विपक्षीय व्यापार समझौता जरूरी हो गया है।
भारत के 6,000 से अधिक उत्पाद ऑस्ट्रेलियाई बाजार में बिकेंगे
FTA लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी। दोनों देश एक-दुसरे के साथ 7 अरब डॉलर का व्यापार करते हैं। ऑस्ट्रेलिया से भारत को निर्यात किए जाने वाले उत्पादों में मोती, सोना, तांबा, एल्यूमीनियम, शराब, फल और मेवे, कपास, ऊन आदि शामिल है। तो वहीं, भारत से ऑस्ट्रेलिया में पेट्रोलियम उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण जैसे उत्पाद जाते हैं।
समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद ऐसे हैं, जिस पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है।
वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात तथा 16.75 अरब डॉलर का आयात किया था।
बता दें, भारत-ऑस्ट्रेलिया और भारत-जापान एफटीए को छोड़ दें, तो भारत के कमोबेश सभी FTA अन्य विकासशील देशों (2005 में सिंगापुर, 2010 में दक्षिण कोरिया, 2010 में आसियान, 2011 में मलेशिया और 2022 में यूएई) के साथ हैं।
ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने कहा कि भारत ने द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंध सरकार की व्यापार विविधीकरण रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
Free Trade Agreement क्या होता है
India-Australia Economic Cooperation and Trade Agreement (AI-ECTA) मुक्त व्यापार समझौता या कहें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दो देशों के बीच के व्यापार को सरल बनाने के लिए होता है। एफटीए के तहत दो देशों के बीच आयात-निर्यात के तहत उत्पादों पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा को कम करने के लिए समझौता किया जाता है। इससे दोनों ही देशों को काफी फायदा पहुंचता है। इस समझौते से बाकी देशों के मुकाबले उत्पादन लागत और भी सस्ती हो जाती है। दो देशों के व्यापार को बढ़ावा मिलता है और दो देशों की अर्थव्यवस्था को गति मिलती है।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम अगले साल मार्च में आएंगे भारत
इंडोनेशिया के बाली शहर में जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज ने कहा कि मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान हमने ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने कहा कि “मैं मार्च में भारत दौरे पर आऊंगा। हम एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल को भारत ले जाएंगे और यह एक महत्वपूर्ण यात्रा होगी और हमारे दो देशों के बीच संबंधों में सुधार होगा”।