अहमदाबाद: उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भगवा लहराने के दूसरे दिन ही PM नरेंद्र मोदी गुजरात पहुंच गए। अहमदाबाद एयरपोर्ट से प्रदेश बीजेपी BJP कार्यालय ‘कमलम’ तक करीब 10 किलोमीटर का उनका भव्य रोड शो निकला। इस दौरान मोदी भगवा रंग की कमल निशान वाली टोपी में नजर आए, जिसकी खूब चर्चा हो रही हैं।
दरअसल, यह टोपी भी भाजपा की एक स्ट्रैटजी का हिस्सा हैं, क्योंकि यह टोपी भाजपा के लाखों कार्यकर्ताओं को भी बांटी गई हैं। इसके जरिए मोदी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकसूत्र में बांधने की शुरुआत की हैं। भाजपा ने यह घोषणा की हैं कि गुजरात के विधानसभा चुनाव तक नेता से लेकर भाजपा का हरेक कार्यकर्ता तक इसी टोपी में नजर आएगा।
बनारस की रैली में बनारसी गमछा, बनारसी टोपी में आए थे नजर:
पीएम मोदी ने 4 मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पांच साल बाद रोड शो किया था। इस दौरान वे ठेठ बनारसी रंग में नजर आए थे। इस दौरान वे बनारसी गमछा तो सर्दी में पहनी जाने वाली खादी की गर्म सदरी के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस सरीखी भगवा रंग की टोपी के अनोखे लिबास में नजर आए थे। इस रोड शो में वोकल फॉर लोकल और बनारसीपने का संदेश दिया था।
इजराइल की यात्रा पर हिमाचली टोपी में आए थे नजर:
मोदी जुलाई 2017 में इजराइल की यात्रा पर गए थे। उस दौरान उन्होंने हिमाचली टोपी पहनी थी, जिसमें गढ़वाली शैली की झलक थी। यह टोपी उस समय बहुत लोकप्रिय हुई थी और बाद में यह फैशन ट्रेंड में शामिल हो गई थी। इसके बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हिमाचली टोपी की डिमांड बढ़ गई थी।
नेताजी की कैप और ब्रह्म कमल टोपी में भी आ चुके हैं नजर:
‘आजाद हिन्द फौज सरकार’ की 75वीं जयंती के मौके पर 21 अक्टूबर 2018 को लालकिले में हुए समारोह में PM नरेंद्र मोदी आजाद हिन्द फौज की टोपी में नजर आए थे। इसी तरह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान मोदी ने उत्तरांचल की ब्रह्म कमल टोपी पहनी थी। ये दो अलग-अलग स्टाइल की टोपियां भी उस समय काफी चर्चा में रही थीं।
अस्सी के दशक में RSS की काली टोपी में नजर आते थे PM मोदी:
अस्सी के दशक में जब नरेंद्र मोदी आरएसएस के प्रचारक थे, तो वे आरएसएस के हर कार्यक्रम में काली टोपी पहना करते थे। हालांकि समय के साथ मोदी के पहनावे और खासतौर से उनकी टोपियों का रूप बदलता गया।