लखनऊ: तप-तपस्या और तेज की पावन भूमि कहलाने वाले बुंदेलखंड में पीएम मोदी ने शनिवार को 14,850 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित और उत्तर प्रदेश के 7 जिलों से गुजरने वाले 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। इस एक्सप्रेस-वे की आधारशिला खुद प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2020 में रखी थी।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, जिस धरती ने अनगिनत शूरवीर पैदा किए, जहां के खून में भारतभक्ति बहती है, जहां के बेटे-बेटियों के पराक्रम और परिश्रम ने हमेशा देश का नाम रौशन किया है, उस बुंदेलखंड की धरती को आज एक्सप्रेसवे का ये उपहार देते हुए मुझे विशेष खुशी मिल रही है।
बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को देगा गति
पीएम मोदी ने एक्सप्रेसवे को बुंदेलखंड की गौरवशाली परंपरा को समर्पित करते हुए कहा कि इस एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है। ये एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा।
विकास की जिस धारा पर आज देश चल रहा है उसके मूल में दो पहलू
पीएम मोदी ने कहा जिस यूपी में सरयू नहर परियोजना को पूरा होने में 40 साल लगे, जिस यूपी में गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट 30 साल से बंद पड़ा था, जिस यूपी में अर्जुन डैम परियोजना को पूरा होने में 12 साल लगे, जिस यूपी में अमेठी राइफल कारखाना सिर्फ एक बोर्ड लगाकर पड़ा हुआ था। उन्होंने कहा, जिस यूपी में रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री, सिर्फ डिब्बों का रंग-रोगन करके काम चला रही थी, उस यूपी में अब इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतनी गंभीरता से काम हो रहा है, कि उसने अच्छे-अच्छे राज्यों को भी पछाड़ दिया है। पूरे देश में अब यूपी की पहचान बदल रही है। पीएम मोदी ने कहा विकास की जिस धारा पर आज देश चल रहा है उसके मूल में दो पहलू हैं। एक है इरादा और दूसरा है मर्यादा। हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं।
ईज ऑफ लीविंग के लिए जरूरी कनेक्टिविटी
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, हम कोई भी फैसला लें, निर्णय लें, नीति बनाएं, इसके पीछे सबसे बड़ी सोच यही होनी चाहिए कि इससे देश का विकास और तेज होगा। हर वो बात, जिससे देश को नुकसान होता है, देश का विकास प्रभावित होता है, उसे हमें दूर रखना है। ईज ऑफ लीविंग के लिए जरूरी कनेक्टिविटी को प्राथमिकता।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है। रेवड़ी कल्चर वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है, रेवड़ी कल्चर को देश की राजनीति से हटाना है।
साल 2014 के बाद निवेश और ईज ऑफ लीविंग
उल्लेखनीय है कि साल 2014 के बाद पीएम मोदी ने निवेश और ईज ऑफ लीविंग के लिए जरूरी कनेक्टिविटी को प्राथमिकता देते हुए पूरे देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की तेज गति से निर्माण पर जोर दिया। उत्तर प्रदेश इस विकास यात्रा का अहम भागीदार है। वर्ष 2017 के बाद यूपी में केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर सड़क, रेल, मेट्रो और एयर सहित सभी क्षेत्रों में विकास को प्राथमिकता दी जिसका परिणाम है उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेस प्रदेश के रूप में में बनी नई पहचान।
296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
पूर्वांचल की तस्वीर बदलने वाला 341 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे गंगा एक्सप्रेस वे, 91 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे और अब विकास की डबल रफ्तार की इसी कड़ी में जुड़ गया है 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे।
14,850 करोड़ रुपए की लागत से तैयार
करीब 14,850 करोड़ रुपए की लागत से बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को रिकॉर्ड 28 महीनों में तैयार किया गया है जिसका शिलान्यास पीएम मोदी द्वारा ही किया गया था। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण 36 महीने में होना था लेकिन मात्र 28 महीने में काम पूरा हो गया है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पीएम मोदी द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का राष्ट्र को समर्पण इस पावन धरती के वीर-वीरांगनाओं की पीढ़ियों का सम्मान है जिनकी शौर्य गाथाएं आज भी बच्चों को सुनाई जाती है।
दिल्ली से बुंदेलखंड महज 7 घंटे में
इस एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है। ये एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा।
एक्सप्रेसवे से इन जिलों के लोगों को मिलेगा विशेष लाभ
2014 से पहले बुंदेलखंड में पानी की कमी के कारण जीवन बुरी तरह से प्रभावित था लेकिन अब अर्जुन सहायक सिंचाई योजना और जल जीवन मिशन के तहत यहां सिंचाई और पीने के पानी की सहज उपलब्धता हो रही है, खेती से जुड़ी संभावनाएं बढ़ी हैं, लोगों का जीवन आसान हुआ है। एक्सप्रेस वे से किसान अब अपनी उपज और दुग्ध उत्पादों को बड़े बाजारों तक सरलता से पहुंचा पाएंगे। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इस पूरे क्षेत्र के जनजीवन में बदलाव लाएगा और यहां के सामान्य जन को बड़े शहरों जैसी सुविधाओं से जोड़ेगा। अब इटावा, चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया के लोग भी आधुनिक एक्सप्रेसवे पर चलेंगे।
रोजगार के अवसर होंगे तैयार
इसके बन जाने से बुंदेलखंड क्षेत्र में रोजगार एवं निवेश के अवसरों में बढ़ोत्तरी होगी। इसके आसपास के कम विकसित क्षेत्रों में कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेस-वे कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से जोड़ने के लिए औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा हेतु पुलिस पेट्रोलिंग एवं एम्बुलेंस वाहन की पर्याप्त व्यवस्था है। ट्रैफिक सुरक्षा हेतु एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगा है।
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर यहां नए उद्योगों और नए उद्यमों को विकसित करेगा जिससे रोजगार के हजारों अवसर तैयार होंगे। केवल इतना ही नहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर को भी गति मिलने वाली है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेस वे के साथ लिंक होने से स्थानीय MSME सेक्टर के लिए भी नए मौके तैयार होंगे और क्षेत्र के आर्थिक विकास को बल मिलेगा। एक्सप्रेस वे के दोनों और 110 मीटर चौड़ा राइट ऑफ वे बनाया गया है, जहां सोलर एनर्जी से ऊर्जा मिलेगी। एक्सप्रेस वे पर प्रवेश व निकासी के लिए 13 स्थानों पर निकासी व इंटरचेंज और जरूरी जगहों पर 4 रेलवे ओवर ब्रिज और 19 फ्लाईओवर 224 अंडरपास बनाए गए हैं। इसके अलावा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर 4 जन सुविधा केंद्र और स्थानीय लोगों के लिए सर्विस रोड भी बनाए गए हैं।
देश की आकांक्षाओं को मिलेगी एक्सप्रेस रफ्तार
इस एक्सप्रेस वे के आसपास सघन वृक्षारोपण होगा। वहीं इनवेस्टमेंट पार्क और कारखाने बनेंगे। इस प्रकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से पूरे यूपी और पूरे देश की आकांक्षाओं को एक्स्प्रेस रफ्तार मिलेगी।