नई दिल्ली: डिजिटल इंडिया का स्वरूप अब बदलने जा रहा है। यह अपने साथ नया बदलाव, ज्यादा स्पीड, नया निवेश, नई सेवाओं और नए रोजगार के अवसर लाने वाला है। दरअसल, देश में 23 इंटरनेट स्पीड के नए दौर की शुरुआत जल्दी ही होने जा रही है।
4G तकनीक से 10 गुना ज्यादा तेज होगा इंटरनेट
डिजिटल क्रांति के नए चरण में प्रवेश करने के लिए 5जी नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। इस प्रक्रिया में चार कंपनियां 04 लाख करोड़ से ज्यादा के स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाएंगी। 5जी इस समय चल रही 4जी तकनीक से 10 गुना ज्यादा तेज होगा और चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए अहम कदम साबित होने जा रहा है।
फास्ट इंटरनेट की एक नई दुनिया में शामिल होने का समय
जी हां फास्ट इंटरनेट की एक नई दुनिया जो हमारी और आपकी जिंदगी को नई रफ्तार देने जा रही है। यह चौथी औद्योगिक क्रांति या इंडस्ट्री 4.0 में तेज स्पीड के इंटरनेट के कई फायदे हैं। स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग हो या फिर मशीन लर्निंग, थ्री डी प्रिंटिंग हो या वर्चुअल रियलिटी 5जी की तकनीक ऐसी हर चुनौती को आसान बनाने जा रही है। भारत में यह सेवाएं साल 2023 तक उपलब्ध होने की उम्मीद है।
4.3 लाख करोड़ के 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया शुरू
इस संबंध में दूरसंचार विभाग ने 4.3 लाख करोड़ के 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन और अडानी 5जी नीलामी की दौड़ में शामिल हैं। नीलामी की प्रक्रिया से सरकार को एक लाख करोड़ रुपए की आमदनी होने की उम्मीद है। वहीं, 4जी की तुलना में 5जी की स्पीड भी करीब 10 गुना हो जाएगी।
अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का होगा इजाफा
तेज रफ्तार इंटरनेट से न्यू इकोनॉमी को नया बूस्टर डोज मिलेगा और देश में चौथी औद्योगिक क्रांति में मदद मिलेगी। बताना चाहेंगे कि 15 जून को केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता हुई बैठक में 5जी नीलामी को मंजूरी दी थी जिसमें दूरसंचार विभाग ने कंपनियों को कई मोर्चों पर राहत भी दी। अब उम्मीद की जा रही है कि 5जी तकनीक के आने से देश की अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का इजाफा होगा। इस सेक्टर में होने वाले FDI यानि फोरन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट में भी डेढ़ गुना वृद्धि हुई है।
कनेक्टिविटी आधुनिक बनाने का केंद्र सरकार का लक्ष्य
केंद्र सरकार पीएम मोदी द्वारा लिए गए संकल्प को पूरा करने के भरसक प्रयास कर रही है। याद हो, पीएम मोदी ने कहा था हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा और इसकी बुनियाद का काम करेंगे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, आधुनिक टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल 5जी टेक्नोलॉजी भी देश की गवर्नेंस में ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे अनेक विषयों में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है।
1G से 5G तक की यात्रा में देखने को मिले तमाम बदलाव
मालूम हो कि 1जी की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी जिसपर केवल वॉयस कॉल संभव थी और इसकी अधिकतम गति 4 केबीपीएस थी। वहीं 2जी की शुरुआत वर्ष 1991 से हुई। 90 के दशक में 2जी की तकनीक में एनालॉग से डिजिटल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन हुआ जिसमें एसएमएस, चित्र संदेश और MMS की शुरुआत हुई और अधिकतम गति केवल 50 केबीपीएस रही।
इसके बाद वर्ष 2001 में 3 जी की शुरुआत हुई। इसमें सेलफोन के उपयोग में वीडियो कॉलिंग और मोबाइल ब्रॉडबैंड की शुरुआत 3जी के साथ हुई जिसमें करीब 2 एमबीपीएस की स्पीड देखने को मिली। फिर साल 2010 में 4जी आया जिसमें 3जी की सारी सेवाओं के साथ-साथ गेमिंग सेवाएं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, 3 डी टेलीविजन, एचडी मोबाइल सेवाएं और अधिकतम गति 100 एमबीपीएस की देखी गई।
अब जमाना 5G का
अब वर्ष 2022 में जमाना 5जी का है जिसमें स्मार्ट डेटा, वर्चुअल रियलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 1,000 एमबीपीएस तक की इंटरनेट स्पीड मिल सकती है। देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए डिजिटल इकोनॉमी को 1 ट्रिलियन ले जाने का लक्ष्य है, ऐसे में उम्मीद की जी सकती है कि 5जी तकनीक इस लक्ष्य की प्राप्ति में अपना अहम योगदान देने जा रही है।
मशीन और इन्सानों के बीच आपस में बात करने का शुरू होगा नया दौर
वहीं 5जी तकनीक को लेकर विशेषज्ञों का मत है कि पहली बार इस तकनीक के जरिए मशीन और इन्सान आपस में बात कर पाएंगे। इसके जरिए आने वाले दौर में मैन टू मशीन और मशीन टू मैन की एप्लीकेशन आपको देखने को मिलेगी। इससे हमारे व्यवसाय में तेजी आएगी, साथ ही साथ हमारी उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी और हमारे वर्क कल्चर में भी बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है।