लंदन: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का गुरुवार देर रात निधन हो गया। वह पिछले कुछ वक्त से बीमार थीं। 96 साल की महारानी स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कासल में रह रही थीं। यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। वे सबसे लंबे समय तक (70 साल) ब्रिटेन की क्वीन रहीं। ब्रिटेन मेंं 10 दिनों का राष्ट्रीय शोक का ऐलान।
अब प्रिंस विलियम 40 साल की उम्र में ब्रितानी सिंहासन के उत्तराधिकारी बन गए हैं। उनके पिता प्रिंस चार्ल्स (73 साल) अब किंग हो गए हैं।
मेडिकल सुपरविजन में थीं महारानी
गुरुवार दोपहर को महारानी एलिजाबेथ की तबीयत नाजुक होने की खबर सामने आई थी। इसके बाद वे डॉक्टर्स की देखरेख में थीं। बीमारी की वजह से महारानी बाल्मोरल महल में रह रही थीं। वे सभी आधिकारिक काम इसी पैलेस से कर रही थीं। ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने 06 सितंबर को यहीं आकर उनसे मुलाकात की और यहीं शपथ ली थी।
Episodic Mobility की दिक्कत से जूझ रही थीं महारानी
शाही परिवार ने बताया था कि महारानी Episodic Mobility की दिक्कत से जूझ रही थीं। इस बीमारी में मरीज को खड़े होने और चलने में परेशानी होती हैं। उन्हें 19 फरवरी 2022 को कोरोना भी हुआ था।
शोक में शाही परिवार और ब्रिटेन
महारानी एलिजाबेथ के पति प्रिंस फिलिप की मौत 09 अप्रैल 2021 को हुई थी। अब महारानी भी नहीं रहीं। शाही परिवार अब आधिकारिक रूप से शोक में होगा। सभी अधिकारिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। शाही महलों और घरों पर यूनियन जैक आधा झुका दिया गया हैं। इसके अलावा ब्रिटेन की सभी बाहरी पोस्टों और सैन्य ठिकानों पर भी झंडा झुका रहेगा।
PM मोदी ने दुख जताया, कहा- वो एक दिग्गज शासक थीं
PM नरेंद्र मोदी ने एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर दुख जताया हैं। उन्होंने कहा- एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज शासक के रूप में याद किया जाएगा। दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं।
उन्होंने बताया- मैं 2015 और 2018 में UK की यात्राओं के दौरान महारानी से मिला था। एक बैठक के दौरान उन्होंने मुझे एक रूमाल दिखाया था, जो महात्मा गांधी ने उनकी शादी में गिफ्ट किया था।
25 साल की एलिजाबेथ क्वीन बनी, तब अंग्रेजी हुकूमत का रुतबा और रकबा दोनों घट रहे थे
एक दौर में दुनिया के बड़े हिस्से में ब्रितानी साम्राज्य की एकछत्र हुकूमत थी, लेकिन एलिजाबेथ ने जब ताज पहना तो ब्रितानी साम्राज्य का रुतबा और रकबा दोनों घट रहे थे। ब्रितानी समाज क्रांतिकारी बदलावों के दौर से गुजर रहा था।
3 बार भारत आईं एलिजाबेथ-II, रिपब्लिक डे पर शाही मेहमान बनीं
एलिजाबेथ-II तीन बार भारत आईं। 1961, 1983 और 1997 में वो भारत की शाही मेहमान बनी थीं। 1961 में भारत के गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल हुई थीं। उनके साथ प्रिंस फिलिप भी थे।
21 जनवरी 1961, महारानी एलिजाबेथ-II और प्रिंस फिलिप का पहला भारत दौरा। पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और पूर्व PM जवाहरलाल नेहरू पालम एयरपोर्ट पर अगवानी करने पहुंचे थे। साल 1961 में भारत के गणतंत्र दिवस की परेड के गवाह बने महारानी एलिजाबेथ-II और प्रिंस फिलिप। परेड के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के साथ बग्घी में सवार होकर वापस लौटते हुए।
1983 में भारत आया था शाही जोड़ा
ब्रिटिश महारानी 1983 में कॉमनवेल्थ देशों की बैठक में हिस्सा लेने भारत के दौरे पर आई थीं। इस दौरान उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी मुलाकात की थी। 07 नवंबर 1983 को ब्रिटेन के इस शाही जोड़े के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह की मेजबानी करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह।
ब्रिटेन की महारानी भारत की आजादी के 50 साल पूरे होने पर 1997 में आखिरी बार भारत आई थीं। इस दौरान क्वीन को राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था। 1997 में क्वीन एलिजाबेथ-II अमृतसर पहुंची थीं। वहां, उन्होंने सिखों के सबसे पवित्र स्थल गोल्डन टेंपल में माथा टेका था।
कैसे बनीं महारानी?
ब्रिटेन के किंग जॉर्ज पंचम की 1936 में मौत हुई थी। उनकी मौत के बाद शाही गद्दी पर उनके बड़े बेटे डेविड बैठे थे। उन्होंने अपना शाही नाम एडवर्ड अष्टम रखा था, लेकिन अपने प्रेम प्रसंग के कारण एडवर्ड अष्टम को गद्दी छोड़नी पड़ी। एडवर्ड ने एक तलाकशुदा अमेरिकी महिला से शादी की थी जिसकी वजह से उनका भारी विरोध हुआ। एडवर्ड के बाद एलिजाबेथ के पिता अल्बर्ट हिचकते हुए राजगद्दी पर बैठे और इस तरह एलिजाबेथ के महारानी बनने का रास्ता भी तैयार हुआ।
प्रिंस चार्ल्स बनेंगे ब्रिटेन के नए किंग
एलिजाबेथ-II के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स नए किंग बन जाएंगे। अब उन्हें किंग चार्ल्स-III के नाम से जाना जाएगा। महारानी के निधन के 24 घंटों के भीतर लंदन स्थित सेंट जेम्स पैलेस में एक सेरेमोनियल बॉडी के बीच चार्ल्स को आधिकारिक तौर पर राजा घोषित किया जाएगा।