मुंबई: फिल्म ब्रह्मास्त्र (Brahmastra) को जरूर अपने परिवार के साथ देखना चाहिए, ये फिल्म ना सिर्फ साल 2022 की बल्कि आपके अभी तक के इंडियन सिनेमा के एक्सपीरियंस को एक कदम आगे ले जाने का काम करेगी।
फिल्म: ब्रह्मास्त्र– पार्ट वन शिवा
स्टार कास्ट: रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, अमिताभ बच्चन, अक्किनेनी नागार्जुन, मौनी रॉय, शाहरुख खान और डिंपल कपाड़िया
निर्देशक: अयान मुखर्जी
क्या हैं कहानी
फिल्म की कहानी एक दम हटके हैं, जिसे ट्रेलर रिलीज से लेकर प्रमोशन तक कई बार बताया जा चुका हैं। काफी पहले कुछ ऋषियों ने तपस्या कर ईश्वर से कुछ अस्त्र-शस्त्र वरदान में मांगे थे, जिनमें सबसे ताकतवर था- ब्रह्मास्त्र। अब ब्रह्मास्त्र को कुछ बुरे लोग हासिल करना चाहते हैं और अच्छे लोग उसकी रक्षा करने की जिम्मेदारी उठाते हैं।
ब्रह्मास्त्र को कुल तीन हिस्सो में बांट दिया गया था ताकि इसका इस्तेमाल न हो सके, लेकिन जुनून (मौनी रॉय) इन्हें एक साथ लाकर देव/ब्रह्मदेव (इस किरदार का एक्टर रिवील नहीं किया गया) को वापस जिंदा करना चाहती हैं। शाहरुख खान और नागार्जुन के किरदार के पास भी अस्त्र होते हैं, जो जुनून को रोकने की कोशिश करते हैं। गुरु जी (अमिताभ बच्चन) का एक आश्रम हैं, जहां ब्रह्मांश के कई सदस्य मौजूद हैं, जो जुनून को रोकने में आगे आते हैं।
अब इन सब में शिवा (रणबीर कपूर) कैसे आता हैं, वो खुद में एक अस्त्र (अग्नि अस्त्र) क्यों हैं और क्या आखिर में ब्रह्मास्त्र ये लोग बचा पाते हैं या नहीं… ऐसे ही कई सवालों के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। ब्रह्मास्त्र की कहानी भी अच्छी लिखी गई हैं, और फिल्म के दूसरे पार्ट ‘देव’ के लिए कौतूहल पैदा कर देती हैं। हालांकि हो सकता हैं कुछ लोगों को फिल्म की कहानी के कुछ हिस्से आपत्तिजनक लगें।
क्या कुछ हैं खास
फिल्म का सबसे स्ट्रॉन्ग प्वाइंट इसका वीएफएक्स हैं। अभी तक जितनी भी फिल्में हमने इंडियन सिनेमा में देखी हैं, उनमें हम हमेशा की ये कहते दिखे हैं कि फिल्म का वीएफएक्स अच्छा हो सकता था या फिर हॉलीवुड के मुकाबले हम हमेशा की पीछे रहे हैं। लेकिन ये फिल्म देखने के बाद इस सोच में बदलवा जरूर आएगा। फिल्म को एक ओर जहां तकनीकी तौर पर मजबूत किया गया हैं तो वहीं दूसरी ओर इसकी कहानी को शास्त्रों से जोड़ा गया हैं। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक काफी अच्छा हैं, जो आपके स्क्रीनिंग एक्सपीरियंस को अच्छा करने का काम करता हैं। फिल्म में कलरिंग का भी अच्छा इस्तेमाल किया गया हैं।
कहां खाई मात
फिल्म में काफी कुछ अच्छा हैं, लेकिन कुछ कुछ चीजें ऐसी भी हैं जो बेहतर हो सकती थीं। फिल्म के डायलॉग्स हुसैन दलाल ने लिखे हैं, जो कई जगहों पर काफी कमजोर साबित होते हैं। कई जगह बातचीत में ऐसा ह्यूमर डाला गया हैं, जिसकी सीन के साथ जरूरत नहीं थी। जिस बजट और ग्रैंड लेवल पर फिल्म को बनाया गया था उसके हिसाब से फिल्म का म्यूजिक भी जुबां पर नहीं चढ़ पाता है।
फिल्म देखते हुए तो आप गाने एन्जॉय करते हैं लेकिन सिनेमाघर से बाहर आने के बाद एक भी गाना गुनगुनाते नहीं बनता हैं। इसके अलावा फिल्म की लंबाई भी अधिक लगती हैं, फिल्म को करीब 10-15 मिनट तक एडिट किया जा सकता था, जिससे कुछ हिस्सों पर फिल्म खींची हुई न महसूस होती। वहीं फिल्म की कहानी शुरुआती वक्त में थोड़ी उलझी से महसूस होती हैं लेकिन धीरे-धीरे उसकी परत खुलती हैं और हर सवाल का जवाब मिलता जाता हैं। बाकी कहानी के कुछ अंश से कुछ लोगों को आपत्ति भी हो सकती हैं।
देखें या नहीं ?
अयान मुखर्जी ने इस फिल्म को बनाने में करीब 08 साल का वक्त लिया हैं और उनकी मेहनत फिल्म में साफ दिखाई देती हैं। ब्रह्मास्त्र एक ऐसी फिल्म हैं, जिसे आप पूरे परिवार के साथ देखने जा सकते हैं। वीएफएक्स का इम्पैक्ट फील करना हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि ये फिल्म 3डी में ही देखें।