मुलायम सिंह यादव का निधन: छात्र राजनीति से रक्षामंत्री की कुर्सी तक पहुंचे

Mulayam Singh Yadav passed away

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का सोमवार को निधन हो गया। 82 साल के मुलायम यूरिन इन्फेक्शन के चलते 26 सितंबर से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर मुलायम के निधन की जानकारी दी। सैफई में मंगलवार को मुलायम का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

साल 22 नवंबर 1939 में सुघर सिंह यादव के घर मुलायम सिंह यादव का जन्म हुआ। शुरुआती शिक्षा गांव के परिषदीय स्कूल में हासिल की। 06 से 12 तक की शिक्षा उन्होंने करहल के जैन इंटर कॉलेज से हासिल की और बीए की पढ़ाई के लिए इटावा पहुंचे। इटावा में केकेडी कॉलेज में एडमिशन लिया और रहने के लिए जब बेहतर आसरा नहीं मिला तो कालेज के संस्थापक हजारीलाल वर्मा के घर में ही रहने का ठिकाना बना लिया। साल 1962 के इस दौर में प्रदेश में पहली बार छात्र संघ के चुनाव की घोषणा हुई और राजनैतिक रुचि रखने वाले मुलायम सिंह ने ये मौका हाथ से जाने नहीं दिया और ताल ठोंक दी। वह छात्र संघ के पहले अध्यक्ष बन गए। यहीं से राजनीति की शुरूआत करके एक युवा नेता के रूप में उभरकर सामने आए।

Mulayam Singh Yadav passed away

एमए करने के बाद बतौर शिक्षक काम किया

मुलायम ने एमए की शिक्षा लेने के लिए शिकोहाबाद के डिग्री कॉलेज में प्रवेश लिया। एमए करके करहल के जैन इंटर कॉलेज से बीटी की और कुछ समय तक जैन इंटर कालेज में बतौर शिक्षक काम किया, पर राजनैतिक दिलचस्पी रखने वाले मुलायम सिंह चुप नहीं बैठे।

28 साल की उम्र में ही बन गए विधायक

मुलायम की विधायक नत्थू सिंह से नजदीकियां बढ़ीं। नत्थू सिंह ने साल 1967 के विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर की अपनी सीट छोड़कर मुलायम को सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ाया और किस्मत के धनी मुलायम सिंह यादव 28 साल की उम्र में विधायक बन गए।

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