वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ अपनी पहली व्यक्तिगत बैठक में अमेरिका में भारतीय समुदाय से जुड़े कई मुद्दों को उठाया जिसमें देश में भारतीय पेशेवरों की बातें भी शामिल है। उन्होंने एच-1बी वीजा के बारे में बात की। श्रृंगला ने शुक्रवार (स्थानीय समय) संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने (पीएम मोदी) भारतीय पेशेवरों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में पहुंच प्राप्त करने के मुद्दे की बात की। उस संदर्भ में उन्होंने एच -1 बी वीजा का उल्लेख किया। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस बात की जानकारी दी है।
श्रृंगला ने कहा कि उन्होंने इस तथ्य की भी बात की कि यहां (अमेरिका में) काम करने वाले कई भारतीय पेशेवर सामाजिक सुरक्षा में योगदान करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में उन योगदानों की वापसी कुछ ऐसी है जो भारतीय श्रमिकों की संख्या को प्रभावित करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ ओवल कार्यालय में अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक को ‘कामयाब’ बताया। प्रधानमंत्री और उनके समकक्षों- ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट मॉरिसन और जापान के योशीहिदे सुगा ने भी शुक्रवार (स्थानीय समय) में अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन द्वारा आयोजित क्वाड नेताओं की बैठक में भाग लिया।
अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने पहले एच -1 बी वीजा नियमों में ट्रम्प-युग के बदलावों को ठुकरा दिया था जिसके तहत एच -1 वीज़ा चयन के लिए वर्तमान लॉटरी पर्णाली की जगह वेतन स्तर पर आधारित चयन प्रक्रिया को लागू किया जाना था। ये नियम तकनीकी उद्योग के श्रमिकों के साथ-साथ डॉक्टरों, लेखाकारों, प्रोफेसरों, वैज्ञानिकों और वास्तुकारों पर भी लागू किए गए थे।