Corona बूस्टर के बाद नहीं ले सकेंगे नेजल वैक्सीन, CoWIN में चौथी डोज नहीं

Will not be able to take nasal vaccine after Corona booster

नई दिल्ली : देश में नेजल वैक्सीन उन लोगों को नहीं लगाया जा सकता हैं जिन्होंने बूस्टर खुराक ली हैं। यह बात भारत के वैक्सीन टास्क फोर्स के चीफ डॉ. एनके अरोड़ा ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही हैं। उन्होंने कहा कि ये वैक्सीन अपने आप में बूस्टर डोज हैं। पहले ही जिन्होंने इस डोज को लगवा लिया हैं, वे इसे ना लें। केंद्र ने दुनिया की पहली नेजल कोरोना (Corona ) वैक्सीन को 23 दिसंबर को मंजूरी दी थी। कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इसे वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ मिलकर बनाया हैं।

CoWIN प्लेटफॉर्म में 04 खुराक का ऑप्शन नहीं

डॉ. अरोड़ा ने बताया कि CoWIN प्लेटफॉर्म में चौथी खुराक का ऑप्शन नहीं रहेगा। अगर कोई व्यक्ति सोचे कि उसने बूस्टर डोज पहले ही ले लिया और अब नेजल वैक्सीन लगवा ले तो उसे ये ऑप्शन नहीं मिलेगा।

325 रुपये में लगेगी नेजल वैक्सीन

केंद्र सरकार ने नेजल वैक्सीन की कीमत तय कर दी हैं। भारत बायोटेक की यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में 325 रुपए में लगवाई जा सकेगी। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए 800 रुपए चुकाने होंगे। यह वैक्सीन जनवरी के आखिरी हफ्ते से उपलब्ध हो जाएगी। सरकार ने यह भी कहा हैं कि जिसने तीन डोज ले लिए हैं, उन्हें अतिरिक्त डोज की जरूरत नहीं हैं। सिर्फ 03 ही डोज पर्याप्त हैं।

नेजल वैक्सीन मौजूदा टीके से कैसे अलग

इस समय भारत में लग रही वैक्सीन के 02 डोज दिए जा रहे हैं। दूसरे डोज के 14 दिन बाद वैक्सीनेटेड व्यक्ति सेफ माना जाता हैं। ऐसे में नेजल वैक्सीन 14 दिन में ही असर दिखाने लगती हैं।

इफेक्टिव नेजल डोज न केवल कोरोना वायरस से बचाएगी, बल्कि बीमारी फैलने से भी रोकेगी। मरीज में माइल्ड लक्षण भी नजर नहीं आएंगे। वायरस भी शरीर के अन्य अंगों को नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा।

यह सिंगल डोज वैक्सीन हैं, इस वजह से ट्रैकिंग आसान हैं। इसके साइड इफेक्ट्स भी इंट्रामस्कुलर वैक्सीन के मुकाबले कम हैं। इसका एक और बड़ा फायदा यह हैं कि सुई और सीरिंज का कचरा भी कम होगा।

इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती हैं

नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा गया हैं। पहले इसका नाम BBV154 था। इसकी खास बात यह हैं कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती हैं। इस वैक्सीन में इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए इससे चोट लगने का खतरा नहीं हैं।

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प्राइमरी और बूस्टर डोज के तौर पर दी जा सकेगी वैक्सीन

इंट्रानेजल वैक्सीन को कोवैक्सिन और कोवीशील्ड जैसी वैक्सीन्स लेने वालों को बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। इसे प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं। भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ. कृष्णा एल्ला ने कुछ समय पहले कहा था कि पोलियो की तरह इस वैक्सीन की भी 04 ड्रॉप्स काफी हैं। दोनों नॉस्ट्रिल्स में 02-02 ड्रॉप्स डाली जाएंगी।

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