नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने सोमवार को बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शहनवाज हुसैन को करारा झटका दिया है। अदालत ने शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कथित रेप केस में एक महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी है।
जस्टिस एस रविंद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाहनवाज हुसैन की ओर से पेश वकीलों को कहा कि निष्पक्ष जांच होने दीजिए। अगर मामले में कुछ नहीं होगा तो वे बच जाएंगे। मामले में शानवाज हुसैन की ओर से पेश सीनियर वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लुथरा ने पीठ को बताया कि शाहनवाज के खिलाफ शिकायतकर्ता महिला ने एक के बाद एक कई शिकायतें दर्ज कराई हैं। पुलिस ने इन कम्प्लेन्स की जांच की लेकिन कुछ नहीं मिला। रोहतगी ने कहा कि शाहनवाज हुसैन पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। हालांकि, पीठ ने कहा कि हमें इसमें दखल देने का कोई कारण नहीं मिला है इसलिए हमने उनकी याचिका खारिज कर दी है।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल 17 अगस्त को शाहनवाज हुसैन की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने FIR दर्ज करने का निर्देश देने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। इसके बाद 22 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हुई सुनवाई में शाहनवाज हुसैन के वकील ने कहा था कि महिला की शिकायत फर्जी और मनगढ़ंत हैं।
2018 में दिल्ली की एक महिला ने बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने के लिए निचली अदालत का रुख किया था। शाहनवाज हुसैन ने हालांकि, इन आरोपों से इनकार किया था। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 07 जुलाई, 2018 को हुसैन के खिलाफ FIR दर्ज कराने के आदेश दिए थे। इसे बीजेपी नेता ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी, पर उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।