न्यूयॉर्क: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि भारत गैर-भेदभावपूर्ण (Non-discriminatory) और सत्यापन योग्य परमाणु निरस्त्रीकरण के सार्वभौमिक लक्ष्य (universal goal ) के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे परमाणु हथियारों का पूर्ण उन्मूलन हो सके।
76वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए श्रृंगला ने कहा, “भारत गैर-भेदभावपूर्ण और सत्यापन योग्य परमाणु निरस्त्रीकरण के सार्वभौमिक लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे परमाणु हथियारों का पूर्ण रूप से खात्मा हो सके।
परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक के आयोजन का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, “यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने और इसके बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मूल्यवान अवसर है।
विदेश सचिव ने कहा कि भारत का मानना है कि परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को एक सार्वभौमिक प्रतिबद्धता और एक सहमत बहुपक्षीय ढांचे, जो कि वैश्विक और गैर-भेदभावपूर्ण है, द्वारा लिखित चरण-दर-चरण प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने आगे परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के लिए (Complete Elimination of Nuclear Weapons) भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार परमाणु हथियार संपन्न देश के रूप में भारत के पास एक परमाणु सिद्धांत है, जो गैर-परमाणु-हथियार वाले राज्यों के खिलाफ पहले-उपयोग और गैर-उपयोग की मुद्रा के साथ विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध की रूपरेखा तैयार करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में प्रकट नए विचारों के लिए भारत के खुलेपन का संकेत दिया है, “जो कहता है कि सभी तरफ़ से महान विचार हमारे पास आते हैं। उन्होंने कहा कि भारत परमाणु हथियार मुक्त दुनिया को साकार करने की दिशा में सभी सदस्य देशों के साथ बातचीत करेगा।