देश के लिए 2 अक्टूबर का दिन काफी अहम है। भारत के दूसरे प्रधानमंत्री Lal Bahadur Shastri जी का आज जन्मदिन है। उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में 2 अक्टूबर, 1904 में लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ था। इस साल लाल बहादुर शास्त्री की 118वीं जयंती है। उन्होंने मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और रामदुलारी के घर जन्म लिया था जो एक कायस्थ परिवार से नाता रखते थे। बता दें कि जब देश अन्य देशों से गेहूं और चावल आयात करता था और भारत के किसान जनसंख्या के हिसाब से फसल उगाने में असमर्थ थे तब तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने देश को ‘जय किसान जय जवान’ का नारा दिया था जिसके बाद ही देश में हरित क्रांति आई।
लाल बहादुर शास्त्री को किसानों के साथ जवानों पर भी पूरा भरोसा था 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उनका नेतृत्व ने साबित कर दिया कि वह देश की सुरक्षा और देश की शांति से कभी समझौता नहीं कर सकते। शास्त्री जी सिर्फ 18 महीने के अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में अनेक समस्याओं व चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन वह उनसे तनिक भी विचलित नहीं हुए और अपने शांत स्वभाव व सूक्ष-बूझ से उनका समाधान ढूंढ़ने में कामयाब होते रहे।
गौरतलब है कि लाल बहादुर शास्त्री के पिता प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे, वह एक लिपिक यानी क्लर्क की नौकरी किया करते थे। जब लाल बहादुर शास्त्री जी के पिता शिक्षक थे तब उन्हें लोग मुंशी जी कहकर पुकारा करते थे। घर में सबसे छोटा होने की वजह से लाल बहादुर शास्त्री जी का नाम नन्हे रखा गया था। सब उन्हें इसी नाम से पुकारा करते थे। बचपन से लोगों को लाल बहादुर शास्त्री जी के विचार प्रेरणा देते थे। आज भी लाल बहादुर शास्त्री जी के विचार कई लोगों का मार्गदर्शन करते हैं।
लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के मौके पर यहां उनके प्रेरणादायक विचार-
लोगों को सच्चा लोकतंत्र और स्वराज कभी भी हिंसा और असत्य से हासिल नहीं हो सकता।
आजदी की रक्षा सिर्फ सैनिकों का काम नहीं है, पूरे देश को मजबूत होना होगा।
जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्तव्य होता है, हमें एकसाथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्क तत्पर रहना होगा।
मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार ये है कि समाज को एकजुट रखा जाए ताकि वो विकास कर सके और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सके।
जो शासन करते हैं उन्हें देखना जरूरी है कि लोग प्रशासन पर किस प्रकार प्रक्रिया करते हैं। आखिर में जनता ही जनार्दन है।
हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास के लिए भरोसा करते हैं।
हमारे देश में आर्थिक मुद्दे उठाने बेहद जरूरी है, क्योंकि उन्हीं मुद्दों के कारण हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेरोजगारी से लड़ सकते हैं।
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