चंडीगढ़: भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने सोमवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र में Haryana के साथ अपने मौजूदा निवेश समझौतों के अलावा अनुसंधान, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, एयरोनॉटिक्स क्षेत्रों में और मजबूती व सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
हरियाणा सरकार की सराहना की
बैठक के दौरान नाओर गिलोन ने राज्य में विभिन्न स्थानों पर चार उत्कृष्टता केंद्रों के सफलतापूर्वक संचालन के लिए हरियाणा की सराहना की। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इजरायल भारत के विभिन्न राज्यों में ऐसी कई परियोजनाएं स्थापित करेगा और इसमें अधिकतर परियोजनाएं हरियाणा में होंगी, क्योंकि हरियाणा एक ऐसा राज्य है, जहां जमीन की उत्पादन क्षमता, दक्षता व वातावरण परिस्थितियों के अनुकूल हैं।
विलेज ऑफ एक्सीलेंस की ओर बढ़ रहा है हरियाणा
इजरायल के राजदूत ने कहा कि भारत में इजरायल द्वारा किए गए कुल 80 प्रतिशत निवेश में से लगभग 50 प्रतिशत हरियाणा में निवेश किया गया है। अब इजरायल का लक्ष्य हरियाणा में कृषि के अलावा अन्य क्षेत्रों में निवेश की अधिक संभावनाएं तलाशना है। उन्होंने कहा कि अब हम हरियाणा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के बाद विलेज ऑफ एक्सीलेंस की अवधारणा की ओर बढ़ रहे हैं।
मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देने की हैं संभावनाएं
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की काफी भूमि खारे पानी वाली है, इसलिए प्रदेश में मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देने की संभावनाएं तलाशी जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई भी निवेश का एक अन्य क्षेत्र हो सकता है। हरियाणा ने जल प्रबंधन को भी एक गंभीर विषय के रूप में लेते सामुदायिक स्तर पर सूक्ष्म सिंचाई, वॉटर फार्म तालाब, गांव के तालाबों और नहर से संबंधित प्रोजेक्ट को विकसित करके एक अलग कार्यक्रम शुरू किया है। इसलिए इजऱाइल इस क्षेत्र में भी तकनीकी सहयोग दे सकता है।
मत्स्य उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना होगी
इससे पूर्व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि हरियाणा एक लैंडलॉक्ड राज्य है, लेकिन अंतर्देशीय मछली पालन विकसित की है, 2000 से अधिक मत्स्य तालाबों की स्थापना की है और हरियाणा को झींगा के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक बनाने की उम्मीद है, इसलिए राज्य में इजरायल के सहयोग से एक मत्स्य उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए।