नई दिल्ली: PM Modi आज (गुरुवार) जनपद गौतमबुद्धनगर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रथम चरण वर्ष 2023-24 में जनता के लिए
यूपी सरकार द्वारा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रथम चरण के विकास के लिए 1,334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसके निर्माण के लिए ग्लोबल बिडिंग के माध्यम से एवीएशन सेक्टर की कम्पनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी का चयन किया गया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास दो स्टेज में किया जाएगा। प्रथम स्टेज में यह एयरपोर्ट दो रन-वे का होगा, जो दूसरे स्टेज में बढ़ कर पांच रन-वे का हो जाएगा। दो रन-वे का यह एयरपोर्ट 70 मिलियन यानि सात करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का होगा तथा इस पर लगभग 30 हजार करोड़ रुपये व्यय होंगे।
सरकारी प्रवक्ता ने यह भी बताया कि यात्रियों की क्षमता की दृष्टि से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास चार चरणों में होगा। प्रथम चरण में वर्ष 2023-24 में 12 मिलियन यानि एक करोड़ 20 लाख यात्रियों की वार्षिक क्षमता का यह एयरपोर्ट प्रारम्भ में एक रन-वे का होगा, जो वर्ष 2031 में बढ़कर 30 मिलियन यानि 03 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का और दो रन-वे का हो जाएगा।
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2040 में 7 करोड़ यात्रियों की सलाना क्षमता का होगा एयरपोर्ट
वर्ष 2036 में यह 50 मिलियन और वर्ष 2040 में यह 70 मिलियन यानि 07 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का हो जाएगा। नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का प्रथम चरण वर्ष 2023-24 में जनता को समर्पित होगा और यहां से पहली उड़ान प्रारम्भ होगी।
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट होंगे ये विकास कार्य
प्रवक्ता ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। इनमें फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, इलेक्ट्रॉनिक सिटी, एपैरल पार्क आदि सम्मिलित हैं।
औद्योगिक और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों का होगा सबसे बड़ा केन्द्र
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का अलीगढ़ नोड भी इस क्षेत्र के निकट है। दादरी में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब तथा बोडाकी में मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह सम्पूर्ण क्षेत्र औद्योगिक और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र बनेगा।