अग्निपथ योजना युवाओं और देश हित में लाएगी क्रांतिकारी सुधार: Rajnath Singh

Rajnath Singh

नई दिल्ली: अग्निपथ योजना के तहत थल सेना, नौसेना और वायुसेना में पंजीकरण शुरू हो चुके हैं। देश के लाखों युवा अग्निवीर बनने के लिए रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। ऐसे में रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने कहा- ‘सशस्त्र बलों को चुस्त, फिट, आधुनिक और विश्व स्तरीय रक्षा सेवा बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अग्निपथ स्कीम को देश, सशस्त्र बलों और युवाओं के हित में एक क्रांतिकारी सुधार बताया।’

सुनहरे मौके का लाभ उठाएं युवा

दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेलंगाना में भारत डायनैमिक्स लिमिटेड (BDL) की भानुर इकाई का दौरा किया और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (DPSU) द्वारा स्थापित नए विनिर्माण सुविधा केंद्रों को राष्ट्र को समर्पित किया।

इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने कई देशों की रक्षा प्रणालियों का अध्ययन किया तथा इन निष्कर्षों को अपनी जमीनी सच्चाइयों के साथ जोड़कर अपनी योजना को अंतिम रूप दिया। भारतीय वायु सेना को अग्निपथ स्कीम के तहत बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। अन्य सेनाओं में भी इसी प्रकार की प्रतिक्रिया अपेक्षित है। हमारे युवाओं को आगे आना चाहिए तथा देश की सेवा करने के इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

अग्निपथ योजना के लिए कहां करें रजिस्ट्रेशन

बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत भारतीय थल सेना में जाने के इच्छुक युवा joinindianarmy.nic.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। जबकि नेवी में जाने के इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट joinindiannavy.gov.in के जरिए भारतीय नौसेना में अग्निवीर पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं भारतीय वायुसेना में रजिस्ट्रेशन के लिए मात्र दो दिन बचे हैं और उम्मीदवार 05 जुलाई तक agnipathvayu.cdac.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेलंगाना में भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) की भानुर इकाई का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (DPSU) की कई नई विनिर्माण सुविधाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। इसमें भानुर यूनिट में वारहेड सुविधा और कंचनबाग यूनिट में रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर सुविधा शामिल है। इस सुविधा का उपयोग भविष्य की सभी मिसाइलों में लक्ष्य ट्रैकिंग के लिए किया जाएगा, जिसे बीडीएल ने 50 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित किया है।

‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन

रक्षा मंत्री ने बीडीएल के शोधकर्ताओं, इंजीनियरों, तकनीशियनों और अन्य कर्मियों को संबोधित करते हुए ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के अनुरूप विदेशी कंपनियों के सहयोग से स्वदेशी उत्पादों का निर्माण करके आत्मनिर्भरता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने को सराहा। उन्होंने अगले पांच वर्षों के लिए स्वदेशीकरण योजना तैयार करने और पहले दो वर्षों का लक्ष्य हासिल करने के लिएबीडीएल को बधाई दी। राजनाथ सिंह ने उन्होंने उम्मीद जताई कि मिसाइल उत्पादन के क्षेत्र में भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने में यह कंपनी बड़ी भूमिका निभाएगी। राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि वारहेड सुविधा भविष्य के हथियारों के निर्माण के दायरे में विविधता लाएगी और इस सुविधा का उपयोग इसकी वर्तमान और भविष्य दोनों मिसाइलों के लिए किया जाएगा।

केंद्रीय भंडारण सुविधा का उद्घाटन

राजनाथ सिंह ने बीडीएल की विशाखापत्तनम इकाई में केंद्रीय भंडारण सुविधा का भी उद्घाटन किया। इस अत्याधुनिक सुविधा में वर्टिकल कैरोसेल सिस्टम, मैकेनिकल कॉम्पेक्टर और मोटराइज्ड कॉम्पेक्टर शामिल हैं। इस सुविधा का निर्माण 4.90 करोड़ रुपये के निवेश से किया गया है। उन्होंने पश्चिम गोदावरी जिले के सैन्य माधवरम गांव में बहुउद्देशीय सामुदायिक हॉल, व्यायामशाला, सरकारी जूनियर कॉलेज में विज्ञान प्रयोगशालाएं, जिला परिषद स्कूल में 09 अतिरिक्त क्लास रूम, प्राथमिक विद्यालय में दो अतिरिक्त क्लास रूम का भी उद्घाटन किया। बीडीएल ने इस गांव को अपनाकर 4.5 करोड़ रुपये की लागत से बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है। BDL परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का भी अनावरण किया गया।

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