चंडीगढ़: IPL-15 में अपने चौथे सीजन में बेहतरीन गेंदबाजी की बदौलत मोहाली के Arshdeep सिंह (23) को भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला हैं। वह 2019 से IPL खेल रहे हैं और मौजूदा सीजन में पंजाब किंग्स का हिस्सा थे। उनकी शानदार गेंदबाजी को देखते हुए सभी 14 मैचों में उन्हें खिलाया गया। इन मैचों में कुल 50 ओवर्स में उन्होंने 385 रन देकर 10 विकेट हासिल किए। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 37 रन पर 3 विकेट रहा।
अर्शदीप की गेंदबाजी को देखते हुए सिलेक्टर्स ने उन्हें भारतीय टीम में जगह दी हैं। वह 9 जून से शुरू होने जा ही साउथ अफ्रीका के खिलाफ T20 होम सीरीज में खेलेंगे। अर्शदीप मुख्य रुप से गेंदबाजी करते हैं, जबकि वह ऑल राउंडर हैं। वह दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और दाएं हाथ से ही तेज गेंदबाजी करते हैं। पंजाब ने इस सीजन में उन्हें 4 करोड़ रुपए में खरीदा था। इससे पहले 3 सीजन में उन्हें 20-20 लाख रुपए में खरीदा गया था।
IPL के 4 सीजन में शानदार प्रदर्शन लाया रंग:
मोहाली के रहने वाले इस खिलाड़ी ने पिछले वर्ष IPL में 12 मैचों में 18 विकेट झटके थे और 32 रन पर 5 विकेट भी एक मैच में लिए थे। 2020 में 8 मैचों में 9 विकेट लिए और 23 रनों पर 3 विकेट भी एक मैच में लिए थे। 2019 के IPL में 3 मैचों में 3 विकेट झटके, जिसमें 43 रन पर 2 विकेट शामिल हैं। कुल मिलाकर वह IPL के 4 सीजन में 37 मैचों में 40 विकेट हासिल कर चुके हैं।
मां साइकिल पर प्रैक्टिस के लिए ले जाया करती थी:
अर्शदीप के पिता दर्शन सिंह ने कहा कि हर खिलाड़ी का सपना होता हैं कि वह एक दिन देश के लिए खेले। मां अर्शदीप को साइकिल पर प्रैक्टिस के लिए लेकर जाती थीं। अर्शदीप अपने सपने को जीने जा रहा हैं और उन्हें उम्मीद हैं कि वह चमकेगा। IPL ने बेटे के करियर को ऊंचाई दी हैं और एक पहचान भी दी हैं।
अर्शदीप ने 8 वर्ष की उम्र में अपने पिता को सेक्टर 7 के एक पार्क में बॉल डाली थी। उनके पिता को आज भी वह पल याद हैं। दर्शन सिंह कहते हैं कि वह पड़ोस के बच्चों के साथ खेल रहा था। उन्हें अपने बेटे की गेंदबाजी में एक लय नजर आई। तब उन्होंने सोच लिया कि बेटे को वर्ल्ड क्लास क्रिकेटर बनाएंगे। वह खुद एक क्रिकेटर थे, मगर अपना सपना पूरा नहीं कर पाए।
चंडीगढ़ में हुई प्रैक्टिस, पंजाब की ओर से खेले Arshdeep
अर्शदीप की शुरुआती प्रैक्टिस चंडीगढ़ में सेक्टर 19 में हुई है। वह चंडीगढ़ के लिए हरियाणा इंटर-डिस्ट्रिक्ट चैम्पियनशिप में भी खेला। फिर वह पंजाब के लिए खेलने लगा। सेक्टर 36 में प्रैक्टिस करता था। कोच जसवंत राय के अंडर कोचिंग ली और खेल की कई बारीकियां सीखीं। दर्शन सिंह कहते हैं कि उनके बेटे ने कभी अपने कोच को न नहीं कहा और मैदान में खूब प्रैक्टिस की। अर्शदीप का एक भाई अक्षदीप कैनेडा में है और छोटी बहन गुरलीन पीजीआई में नर्सिंग विभाग में हैं।