महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना के मुखपत्र सामना में मंगलवार को BJP और बागी विधायकों पर निशाना साधा गया। शिवसेना ने लिखा- दिल्ली में बैठे भाजपाई नेताओं ने महाराष्ट्र को तीन टुकड़ों में बांटने की खतरनाक साजिश रची। इसमें लिखा- सरकार के पक्ष में खड़े लोगों को ED की फांस में फंसाकर आवाज दबाने की कोशिश की जा रही हैं। महाराष्ट्र के सियासी पटल पर यह खेल कब तक चलेगा? महाराष्ट्र के टुकड़े करने वालों के हम टुकड़े कर देंगे।
शिंदे गुट को सुप्रीम कोर्ट से राहत:
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शिवसेना के बागी विधायकों की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार, विधानसभा के डिप्टी स्पीकर, केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए। साथ ही कहा कि फ्लोर टेस्ट को लेकर कोर्ट कोई फैसला नहीं देगा।
बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले डिप्टी स्पीकर के नोटिस के मामले पर अब 11 जुलाई को सुनवाई करेगा। उधर, ED ने आज शिवसेना सांसद संजय राउत को पूछताछ के लिए तलब कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने और डिप्टी स्पीकर नरहरि जरवाल की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। कोर्ट अब इस मामले में 11 जुलाई को सुनवाई करेगा। यह शिंदे गुट के लिए राहत भरा रहा।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र भवन, डिप्टी स्पीकर, महाराष्ट्र पुलिस, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी और केंद्र को भी नोटिस भेजा हैं। कोर्ट ने सभी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने और यथा स्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया हैं।
शिंदे समर्थकों ने की आतिशबाजी:
कोर्ट के निर्देश के बाद शिंदे समर्थकों ने आतिशबाजी की। वहीं बागी गुट ने उद्धव ठाकरे से इस्तीफा भी मांगा हैं। शिंदे के साथ मौजूद दीपक केसरकर ने कहा कि उद्धव की सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था बना पाने में नाकाम रही हैं। लिहाजा उसे इस्तीफा दे देना चाहिए।
गुवाहाटी के होटल की बुकिंग 12 जुलाई तक बढ़ाई:
शिवसेना के बागी विधायकों को 12 जुलाई तक गुवाहाटी में ही रखने की तैयारी हैं। गुवाहाटी के जिस होटल में शिंदे गुट के विधायक ठहरे हुए हैं, उसकी बुकिंग 12 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई हैं। इस तारीख तक होटल में आम लोगों के लिए कोई भी रूम उपलब्ध नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर जवाब देने पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगा।
BJP ने अपने विधायकों को 29 जून को मुंबई बुलाया:
इधर, महाराष्ट्र भाजपा ने अपने सभी विधायकों को 29 जून तक मुंबई पहुंचने को कहा हैं। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सागर बंगले पर भाजपा कोर ग्रुप की सोमवार शाम को हुई मीटिंग के बाद विधायकों के लिए यह फरमान जारी किया गया। इससे पहले पार्टी के सीनियर लीडर्स ने सियासी हालात पर चर्चा की और सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाने का फैसला किया।
उद्धव ने बागी मंत्रियों के विभाग छीने:
इससे पहले, महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे समेत बागी सभी 9 मंत्रियों के विभाग छीन लिए। इन विभागों का काम दूसरे मंत्रियों को सौंप दिया गया हैं। शिंदे का विभाग सुभाष देसाई को सौंपा गया हैं। नीचे दी गई टेबल में बागी मंत्रियों के पास मौजूद विभाग और उनका प्रभार किसे सौंपा गया हैं, इसे यहां पढ़ सकते हैं।
नाम | किस विभाग के मंत्री थे | प्रभार किसे दिया गया | |
1 | एकनाथ शिंदे | अर्बन डेवलपमेंट, PWD और MSRTC | सुभाष देसाई |
2 | गुलाबराव पाटिल | जल संपदा | अनिल परब |
3 | उदय सामंत | उच्च तकनीकी शिक्षा | आदित्य ठाकरे |
4 | संदीपन आसाराम भुमरे | रोजगार गारंटी तथा फलोत्पादन | शंकर गडख |
5 | दादा भुसे | कृषि | संदीपन राव भुमरे |
6 | शंभूराज देसाई | गृह | संजय बांसोड़े |
केंद्रीय मंत्री दानवे बोले- विपक्ष में हम बस 2-3 दिन :
केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में सरकार बनाने के संकेत दिए। इधर, BJP ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के संकेत दिए हैं। केंद्र सरकार के मंत्री रावसाहेब दानवे ने एक मीटिंग में कहा- हम सिर्फ 2-3 दिन विपक्ष में मौजूद हैं। अपने कार्यकाल में जो करना हैं, जल्दी करें। खास बात यह हैं कि इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी मौजूद थे।
सामना ने शिंदे गुट को नचनिया कहा:
शिंदे गुट की बगावत के 7वें दिन शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बड़ा हमला बोला हैं। सामना की संपादकीय में शिंदे गुट को नचनिया बताया गया हैं। इधर, शिवसेना के विधायक उदयसिंह राजपूत ने दावा किया हैं कि शिंदे गुट में जाने के लिए उन्हों 50 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया।
सामना में आगे लिखा- जिन 15 विधायकों को केंद्र की ओर से सुरक्षा दी गई हैं, वो लोकतंत्र के रखवाले नहीं हैं। ये लोग 50-50 करोड़ रुपए में बेचे गए बैल अथवा ‘बिग बुल’ हैं, जो लोकतंत्र के लिए कलंक हैं। वहीं फडणवीस और शिंदे के मुलाकात पर भी निशाना साधा गया हैं।
सियासी संग्राम के बीच शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।