नई दिल्ली: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) हमेशा से बेहद खास और आध्यात्मिक रही है। इस बार भी पंजीकरण खुलते ही श्रद्धालुओं ने भारी मात्रा में रजिस्ट्रेशन कराया है। दरअसल, आगामी चारधाम यात्रा के लिए 21 फरवरी से अब तक कुल पंजीकरण की संख्या 2 लाख से अधिक पहुंच गई है। बद्रीनाथ और केदारधाम धामों के कुल 2,033,24 श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। पर्यटन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक केदारनाथ और बद्रीनाथ धामों के कुल 2,033,24 श्रद्धालुओं के पंजीकरण किए जा चुके हैं। जिनमें केदारनाथ धाम के लिए अब तक कुल 1,118,71 और बद्रीनाथ धाम के लिए 91,453 श्रद्धालु पंजीकृत किए जा चुके हैं।
25 अप्रैल से शुरू होगी यात्रा
आगामी 25 अप्रैल से शुरू होने वाले चार धाम यात्रा के लिए प्रशासन ने आने वाले श्रद्धालुओं की उचित स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की गई हैं, जिनमें डॉक्टरों और चिकित्सीय पेशेवरों की तैनाती, पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक वस्तुओं और दवाओं का भंडारण आदि शामिल हैं।
हेल्पलाइन नम्बर भी हुआ है जारी
श्रद्धालुओं के लिए यात्रा संबंधी जानकारी एवं सुझावों के लिए सरकार ने हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया है। इन हेल्पलाइन नम्बरों में चार धाम टोल फ्री नं. 1364 और 0135-1364 (अन्य राज्यों के लिए),चार धाम कंट्रोल रूम नं.0135-2559898, 2552627, आपदा प्रबंधन नं. 0135-276066, 1070 (टोल फ्री) आदि नंबरों पर कॉल करके आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
कैसे करें ऑनलाइन पंजीकरण ?
इस वर्ष चार धाम के लिए पंजीकरण के लिए चार माध्यम अपनाए गये हैं। श्रद्धालु यात्रा के लिए वेबसाइट, कॉल के द्वारा , व्हाट्सएप और मोबाइल ऐप के जरिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं। अब तक ऑनलाइन माध्यम से 1,520,24 श्रद्धालुओं का पंजीकरण किया गया वहीं मोबाइल ऐप और व्हाट्सएप के जरिए क्रमश: 26,255 और 15,045 श्रद्धालु पंजीकृत किए गये। श्रद्धालु https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं । वहीं व्हाट्सएप द्वारा पंजीकरण कराने के लिए “Yatra” टाइप कर 91 8394833833 भेजना होगा।
सांस्कृतिक विकास पर सरकार का फोकस
पिछले सात-आठ सालों में सरकार ने देश में पर्यटन स्थलों का विकास जन-जन के विकास से जोड़ रही है। पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और धरोहरों के पुनरुद्धार के लिए जो कदम उठाए हैं, वे काफी सराहनीय हैं। आजादी के बाद पहली बार चारधाम प्रोजेक्ट के जरिए हमारे चारों धाम ऑल वेदर रोड्स से जुड़ने जा रहे हैं। बनारस का विश्वनाथ मंदिर हो या अयोध्या का राम मंदिर, सोमनाथ का मंदिर या फिर उज्जैन का श्री महाकाल लोक, ये सिर्फ मंदिर नहीं, भारत के आस्था हैं, देश के विकास के परिचायक हैं। केंद्र सरकार ने देवनगरी उत्तराखंड में चार धाम परियोजना की शुरुआत की। जिसके तहत चारों धाम- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम बेहतरीन सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
भारत की संस्कृति हजारों साल पुरानी
भारत की वर्तमान केंद्र सरकार भी इस सांस्कृतिक पहचान को कायम रखने के लिए पूरजोर कोशिश कर रही है। भारत केंद्र में सर्वदा अध्यात्म विराजमान रहा है। इस महान सभ्यता को आगे बढ़ाने के लिए विकास और विरासत दोनों एक साथ फोकस किया जारहा है। भारत की सनातन संस्कृति हजारों साल पुरानी है। आज जब आधुनिक टेक्नोलॉजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत के विकास का पर्याय बन रहे हैं, तो विकास और विरासत दोनों एक साथ आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित किया जा रहा है