उठाइए चांद के दीदार का लुत्फ, गुरु पूर्णिमा पर विशाल दिखाई देगा ‘Supermoon’

Enjoy the sight of the moon, 'Supermoon' will be visible on Guru Purnima

नई दिल्ली: देश में आज यानी 13 जुलाई को एक साथ दो खास अवसर हैं। एक तो यह कि देश में आज गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है और दूसरा यह कि इस दिन शाम को आकाश में गुरु पूर्णिमा का चंद्रमा साल का सबसे बड़ा चंद्रमा (Supermoon) होगा। खगोलीय घटनाक्रम के दृष्टिकोण से आज का दिन बेहद खास है।

आइये विस्तार से जानते हैं गुरु पूर्णिमा के विशाल चंद्रमा के बारे में..

अनोखा ‘सुपरमून’ देखेगी दुनिया

खगोल शास्त्रियों के मुताबिक जब चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे करीब होता है तो ‘सुपरमून’ नजर आता है। आमतौर पर पूर्णिमा के दिन चांद की चांदनी खूबसूरत नजर आती है पर आज चांद अन्य दिनों की अपेक्षा बड़ा और चमकीला नजर आता है।

इस साल पहली बार होगा पृथ्वी के सबसे नजदीक

गुरु पूर्णिमा का चंद्रमा पृथ्वी से करीब तीन लाख 57 हजार, 418 किलोमीटर दूर रहते हुए भी साल में पहली बार सबसे नजदीक होगा। इस कारण इसका आकार अपेक्षाकृत बड़ा दिखाई देने वाला है। वहीं इसकी चमक भी अधिक महसूस होगी। इस खगोलीय घटना को ‘सुपरमून’ नाम दिया गया है। अर्थात गुरु पूर्णिमा का चंद्रमा गुरु की तरह विशाल होगा।

कितने बजे दिखेगा ‘सुपरमून’ ?

Enjoy the sight of the moon, 'Supermoon' will be visible on Guru Purnima

‘सुपरमून’ बुधवार को शाम 7.00 बजे के लगभग पूर्वी आकाश में उदित होकर मध्यरात्रि में ठीक सिर के ऊपर होगा और पूरी रात आपका साथ देने के बाद अगले दिन सुबह-सवेरे यह पश्चिम में अस्त होगा। पश्चिमी देशों में इसे ‘बक मून’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वहां नर हिरण इस समय अपने सींग उगाना आरंभ कर देते हैं।

क्या होता है ‘सुपरमून’ ?

सुपरमून के दौरान चंद्रमा अपने वास्तविक आकार से अधिक बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। इसके अलावा सुपरमून के दौरान चांद का रंग भी हल्का गुलाबी नजर आता है। खगोलविदों की मानें तो ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस दौरान चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी बहुत कम हो जाती है, जिस कारण चांद देखने में धरती के करीब नजर आता है।

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सूरज दूर, चंद्रमा पास, गुरु पूर्णिमा पर रहेगा खास

भोपाल की नेशनल अवॉर्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने इस खगोलीय घटना के बारे में बताया कि सूर्य, पृथ्वी से इस समय सबसे अधिक दूर है, जबकि चंद्रमा बुधवार को पृथ्वी के पास आने जा रहा है। पृथ्वी के अंडाकार पथ पर परिक्रमा के कारण सूर्य 4 जुलाई को लगभग 15 करोड़ 21 लाख किलोमीटर दूरी पर रहते हुए साल की सबसे अधिक दूरी पर था। पूर्णिमा का चंद्रमा भी अंडाकार पथ पर पृथ्वी की परिक्रमा के कारण पूर्णिमा पर साल का सबसे नजदीक रहेगा। इस दौरान चांद की पृथ्वी से दूरी तीन लाख 57 हजार 418 किलोमीटर रहेगी।

दीदार-ए-चांद

आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि तो तैयार हो जाइए, इस खगोलीय घटना के साक्षी बनने के लिए। गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का ध्यान या दर्शन कीजिए और शाम के आकाश में रात को चमकदार बनाने वाले चांद के दीदार का लुत्फ उठाइए।

समुद्र में होती है हाई टाइड की संभावना

खगोलविदों का मानना है कि सुपरमून का ग्रह पर ज्वारीय प्रभाव होता है जिससे उच्च और निम्न महासागरीय ज्वार की एक बड़ी श्रृंखला उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में इस समय के आसपास समुद्र में तटीय तूफान की स्थिति बन सकती है। ऐसे में समुद्र की ओर रुख न करें।

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