नई दिल्लीः तुर्की(Turkey) में ऑपरेशन दोस्त का हिस्सा बनकर गए हवलदार राहुल चौधरी के घर बेटा पैदा हुआ हैं। अब आर्मी में उनके दोस्तों ने इस बेटे का नाम तुर्की चौधरी रखने की सलाह दी हैं। उत्तर प्रदेश में हापुड़ के रहने वाले राहुल, तुर्की गए 99 सदस्यों के दल का हिस्सा हैं। बच्चे के जन्म के लिए अपने घर जाने वाले थे लेकिन उनका नाम ऑपरेशन दोस्त की टीम में भेज दिया गया।
देश और परिवार के बीच फंसे थे राहुल
सुत्रो के मुताबिक राहुल की पत्नी की 08 फरवरी को सीजेरियन डिलीवरी होनी थी। वे छुट्टी के लिए आवेदन करते इसके पहले ही उनके पासपोर्ट पर मुहर लग गई। इसके बाद राहुल परिवार और फर्ज के बीच फंस गए।
राहुल ने इस दुविधा से निकलने के लिए अपने सीनियर्स से बात की। राहुल के सीनियर्स ने पत्नी से बात करने कहा। इस पर राहुल की पत्नी ने कहा कि उसे देश सेवा पहले करनी चाहिए। इसके बाद राहुल ने अपना सामान बांधा और टीम के साथ तुर्की रवाना हो गए।
तुर्की पहुंचते ही मिली गुड न्यूज
जैसे ही राहुल तुर्की पहुंचे, उन्हें पता चला वाइफ का ऑपरेशन शुरू हो गया हैं। इसके थोड़ी देर बाद उन्हें बेटा पैदा होने की खुशखबरी मिली। इस खबर के आते ही तुर्की में उनके साथ मौजूद साथियों ने बेटे का नाम तुर्की चौधरी रखने की तमन्ना जाहिर की हैं।
राहुल के साथ टीम में मौजूद एक और जवान सिपाही कमलेश कुमार चौहान भी तुर्किये पहुंचते ही बेटे के पिता बने। साथियों ने कमलेश को अपने बेटे का नाम इस्केंद्रम चौहान रखने कहा हैं।
राहत सामग्री लेकर 7 फ्लाइट तुर्की पहुंची
अरिंदम बागची ने 12 फरवरी को एक ट्वीट में बताया था कि राहत सामग्री लेकर 07 फ्लाइट तुर्की पहुंच गई हैं। राहत सामग्री में कंबल, स्लीपिंग बैग और टेंट के अलावा मॉनीटर, ईसीजी, सिरिंज पंप शामिल थे। आगरा 60 पैरा फील्ड हॉस्पिटल से इंडियन आर्मी की 99 सदस्यीय मेडिकल टीम 07 फरवरी को तुर्की पहुंच गई थी। राहुल और कमलेश इसी टीम बटालियन का हिस्सा हैं।
पिता तुर्की में ‘मिशन ऑपरेशन दोस्त’, घर में आया नन्हा मेहमान
नई दिल्लीः तुर्की में ऑपरेशन दोस्त का हिस्सा बनकर गए हवलदार राहुल चौधरी के घर बेटा पैदा हुआ हैं। अब आर्मी में उनके दोस्तों ने इस बेटे का नाम तुर्की चौधरी रखने की सलाह दी हैं। उत्तर प्रदेश में हापुड़ के रहने वाले राहुल, तुर्की गए 99 सदस्यों के दल का हिस्सा हैं। बच्चे के जन्म के लिए अपने घर जाने वाले थे लेकिन उनका नाम ऑपरेशन दोस्त की टीम में भेज दिया गया।
देश और परिवार के बीच फंसे थे राहुल
सुत्रो के मुताबिक राहुल की पत्नी की 08 फरवरी को सीजेरियन डिलीवरी होनी थी। वे छुट्टी के लिए आवेदन करते इसके पहले ही उनके पासपोर्ट पर मुहर लग गई। इसके बाद राहुल परिवार और फर्ज के बीच फंस गए।
राहुल ने इस दुविधा से निकलने के लिए अपने सीनियर्स से बात की। राहुल के सीनियर्स ने पत्नी से बात करने कहा। इस पर राहुल की पत्नी ने कहा कि उसे देश सेवा पहले करनी चाहिए। इसके बाद राहुल ने अपना सामान बांधा और टीम के साथ तुर्की रवाना हो गए।
तुर्की पहुंचते ही मिली गुड न्यूज
जैसे ही राहुल तुर्की पहुंचे, उन्हें पता चला वाइफ का ऑपरेशन शुरू हो गया हैं। इसके थोड़ी देर बाद उन्हें बेटा पैदा होने की खुशखबरी मिली। इस खबर के आते ही तुर्की में उनके साथ मौजूद साथियों ने बेटे का नाम तुर्की चौधरी रखने की तमन्ना जाहिर की हैं।
राहुल के साथ टीम में मौजूद एक और जवान सिपाही कमलेश कुमार चौहान भी तुर्किये पहुंचते ही बेटे के पिता बने। साथियों ने कमलेश को अपने बेटे का नाम इस्केंद्रम चौहान रखने कहा हैं।
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राहत सामग्री लेकर 7 फ्लाइट तुर्की पहुंची
अरिंदम बागची ने 12 फरवरी को एक ट्वीट में बताया था कि राहत सामग्री लेकर 07 फ्लाइट तुर्की पहुंच गई हैं। राहत सामग्री में कंबल, स्लीपिंग बैग और टेंट के अलावा मॉनीटर, ईसीजी, सिरिंज पंप शामिल थे। आगरा 60 पैरा फील्ड हॉस्पिटल से इंडियन आर्मी की 99 सदस्यीय मेडिकल टीम 07 फरवरी को तुर्की पहुंच गई थी। राहुल और कमलेश इसी टीम बटालियन का हिस्सा हैं।