मधुबनी । नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री कार्यकाल में विकास की गंगा बहाया गया था।जो कि प्रदेश के हर शहर और हर गाँव में दिख भी रहा है।लेकिन एक ऐसा गाँव है साहब जहां पर आजतक सरकार और जनप्रतिनिधियों का पैनी निगाहें नही पड़ी।जिससे यह मुस्लिम मुहल्ले में भी कम से कम विकास की नदियां बहती।लेक़िन अब जब इस मुहल्ले के ग्रामीण सरकार और पंचायत के जनप्रतिनिधियों का विकास करने के लिये आंखें बिछाया हुआ था कि अब मेरे मुहल्ले में सड़क बनवाया जाएगा और तब बनाया जाएगा।इसके लिये यहाँ के ग्रामीण टकटकी लगाये हुआ था।मगर इस मुहल्ले के लिये ना तो सरकार देखी और ना ही पंचायत के जनप्रतिनिधि। जिसके बाद जब ग्रामीणों ने आजिज़ हो गये तो ख़ुद ही सड़क बनाने की बीड़ा उठाया और चंदे इकट्ठे करके सड़क बनाने का कार्य शुरू कर दी। जी हां ऐसे में सरकार के विकास का डोर इस मुहल्ले पर नही पड़ी है और ना ही उनके मुलाजिमों के द्वारा करवाया।जिसके बाद गाँव के ग्रामीणों ने ख़ुद ही चंदे से सड़क बनाने का कार्य शुरू कर दिया।
मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखण्ड स्थित मुरेठ पंचायत वार्ड नं0 एक में सरकार के विकास की किरण पहुंचने का नाम ले लिया है। तब जाकर ग्रामीणों की आंखें पथरा गई तो ख़ुद से ही चंदे इकट्ठे किया और फिर सड़क बनाने की क़वायद शुरू कर दी। जबकि इसी पंचायत के बगल वाले वार्डों में गली नली ,पीसीसी सड़कें और सरकार की कई योजनाओं से विकसित किया गया है।मगर वार्ड नं0 एक में पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी कुम्भकर्णी निंद्रा से नही उठी है। ।जिससे इस मुहल्ले की सड़क का विकास किया जाता ।जबकि मुरेठ पंचायत के आम जनताओं ने मुखिया जी को दो दो बार ताज पहनाया।फिर भी इस मुहल्ले में सरकार की एक भी योजनायें नही पहुंची । आइये अब आपको ले चलते हैं मुरेठ पंचायत में ,जहां दर्जनों ग्रामीणों के द्वारा चंदे से सड़क का निर्माण किया जा रहा है।बताया जाता है कि एक सप्ताह पहले जब बारिश हो रही थी तो चलने लायक़ यह सड़क नही थी।क्योंकि कमर भर पानी और कीचड़ में यह मुहल्ले तब्दील था।लेकिन अब जब बारिश ख़त्म होना शुरू हुआ तो फिर ग्रामीणों ने चंदे इकट्ठे किया और तत्काल ईंट भट्ठे गाविस लाकर सड़क पर डलवाया। लेक़िन सवाल यह है कि दस सालों में पंचायत के जनप्रतिनिधि ने इस मुहल्ले विकसित क्यों नही बनाया । जो आज ग्रामीणों को चंदे से सड़क निर्माण करवाना पड़ रहा है । ऐसे में सरकार और पंचायत के जनप्रतिनिधियों के गालों पर यह तमाचा मारने का काम किया गया । अब तो जरा इधर भी देखिये सड़क बनने से मासूम बच्चियां भी इतनी उत्साहित है कि ख़ुद भी सड़क में ईंट ढोने का काम कर रही है।जो कि यह पूरी तरह से अदभुत दिख रही है।अब जब सड़क में काम कर रहे लोगों से पूछा गया तो सभी लोगों ने क्या कुछ कहा वो जरा सुनिये।