नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को कहा कि यह एक महत्वपूर्ण सत्र है और नागरिकों की अपेक्षा है कि संसद देश हित में चर्चाएं करे, देश की प्रगति के लिए रास्ते खोजे। उन्होंने सभी दलों से इस सत्र में ज्यादा से ज्यादा विधायी कामकाज पूरा करने के लिए सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है।
संसद का सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण
संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संसद का यह सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हिंदुस्तान में चारों दिशाओं में से इस आजादी के अमृत महोत्सव के निमित्त रचनात्मक, सकारात्मक जनहित के लिए, राष्ट्रहित के लिए सामान्य नागरिक अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं, कदम उठा रहे हैं। आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को पूरा करने के लिए देश का सामान्य नागरिक भी अपना कोई न कोई दायित्व निभाने का काम कर रहा है। यह खबरें अपने आप में भारत के उज्जवल भविष्य के लिए शुभ संकेत है।
संसद देशहित में करे चर्चाएं
पीएम मोदी ने कहा, हमने देखा है कि पिछले दिनों संविधान दिवस भी नए संकल्प के साथ संविधान के स्पिरिट को चरितार्थ करने के लिए हर किसी के दायित्व के संबंध में पूरे देश ने एक संकल्प किया है। इन सबके परिपेक्ष में हम चाहेंगे, देश भी चाहेगा, देश का हर सामान्य नागरिक चाहेगा भारत का, संसद का यह सत्र और आगे आने वाले सत्र भी आजादी के दिवानों की जो भावनाएं थीं, जो स्पिरिट था, आजादी के अमृत महोत्सव का जो स्पिरिट है, उस स्पिरिट के अनुकूल संसद भी देशहित में चर्चाएं करे, देश की प्रगति के लिए रास्ते खोजे, देश की प्रगति के लिए नए उपाय खोजे और इसके लिए यह सत्र बहुत ही विचारों की समृद्धि वाला, दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाले सकारात्मक निर्णयों वाला बने।
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आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, मैं आशा करता हूं कि भविष्य में संसद को कैसा चलाया, कितना अच्छा कॉन्ट्रिब्यूशन दिया, उस तराजू पर तोला जाए न कि किसने कितना जोर लगाकर संसद के सत्र को रोक दिया। यह मानदंड नहीं हो सकता है। मानदंड यह होगा कि संसद में कितने घंटे काम हुआ, कितना सकारात्मक काम हुआ।
सरकार हर विषय पर खुली चर्चा को तैयार
पीएम मोदी ने कहा सरकार हर विषय पर खुली चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है और आजादी के अमृत महोत्सव में हम यह भी चाहेंगे कि संसद में सवाल भी हो और संसद में शांति भी हो। हम चाहते हैं संसद में सरकार के खिलाफ, सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए, हो। लेकिन संसद की गरिमा स्पीकर की गरिमा, चेयर की गरिमा, इन सबके विषय में हम वो आचरण करें जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए। पिछले सत्र के बाद कोरोना की एक विकट परिस्थिति में भी देश ने 100 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन और अब हम 150 करोड़ की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। नए वेरिएंट की खबरें भी हमें और सतर्क व सजग करती है।
कोरोना से सतर्क रहने की कही बात
पीएम मोदी ने आगे जोड़ते हुए कहा, मैं संसद के सभी साथियों को भी सतर्क रहने के लिए प्रार्थना करता हूं। साथ ही साथ उन्होंने मीडियाकर्मियों को भी सतर्क रहने की बात कही, क्योंकि सभी का उत्तम स्वास्थ्य ऐसी संकट की घड़ी में हमारी प्राथमिकता है। देश के 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को इस कोरोना काल के संकट में और अधिक तकलीफ न हो इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से अनाज मुफ्त में देने की योजना चल रही है। अब इसे मार्च 2022 तक समय आगे कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि करीब 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए की लागत से 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे, इसकी चिंता की गई है।
इस सत्र में देशहित के निर्णय हम तेजी से करें, मिलजुल कर करें
आखिर में पीएम मोदी ने कहा, मैं आशा करता हूं कि इस सत्र में देशहित के निर्णय हम तेजी से करें, मिलजुल कर करें। सामान्य मानवीय की आशा-अपेक्षाओं को पूर्ण करने वाले करें। ऐसी मेरी अपेक्षा है। उल्लेखनीय है कि शीतकालीन सत्र की अवधि 29 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक तय है।