नई दिल्ली: संगीत की दुनिया में सबसे बड़े अवॉर्ड शो Grammy Awards में इंडियन अमेरिकन सिंगर Falguni Shah ने भारत का नाम रोशन कर दिखाया हैं। फालू के नाम से चर्चित फाल्गुनी की एल्बम ‘अ कलरफुल वर्ल्ड’ को बेस्ट चिल्ड्रन म्यूजिक एल्बम कैटेगरी में अवार्ड से सम्मानित किया गया हैं। फाल्गुनी की इस जीत से आज हर भारतीय खुश हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फाल्गुनी की इस जीत के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। रविवार को अमेरिका के लास वेगास में ग्रैमी अवॉर्ड सेरेमनी आयोजित की गई थी।
मगर क्या आप जानते हैं कि फाल्गुनी शाह को ग्रैमी तक पहुंचाने तक का असल सफर भारतीय संस्कृति से होकर गुजरता हैं। फाल्गुनी ने कई सालों तक भारतीय सांस्कृतिक गीतों का रियाज किया हैं। जिसके बाद वह अमेरिका पहुंची और वहां वेस्टर्न और भारतीय संगीत को मिलाकर कुछ अनोखा तैयार किया।
भारत के जयपुर घराने से सीखे संगीत को बनाया ग्लोबल म्यूजिक:
मुंबई में पैदा हुई फाल्गुनी ने अपने करियर की शुरुआत भारतीय संगीत को समझने और सीखने से की हैं। वह प्रसिद्ध सारंगी गायक उस्ताद सुल्तान खान से संगीत सीख चुकी हैं। इसी के साथ जयपुर – अतरौली घराने की प्रसिद्ध ठुमरी गायिका किशोरी आमोनकर से संगीत परंपरा सीखी।
कौमुदी मुंशी के तहत ठुमरी की बनारस शैली में ट्रेनिंग ली। सेमी क्लासिकल म्यूजिक की समझ उदय मजूमदार से सीखी।
इसी तरह कई भारतीय पारंपरिक गीत और म्यूजिक की समझ होने के बाद वह साल 2000 में अमेरिका पहुंची। यहां उन्होंने भारतीय की क्लासिकल धुनों को वेस्ट के कंटेम्प्रेरी साउंड के साथ मिलाकर नया म्यूजिक तैयार करती हैं। इसे ब्लेंड कहते हैं जोकि फाल्गुनी की पहचान हैं।
यहां फाल्गुनी इंडो-अमेरिकन बैंड करिश्मा से जुड़ी और इसकी लीड गायिका बनीं। बॉस्टन में दो साल तक टफ्ट्स यूनिवर्सिटी में भारतीय म्यूजिक पढ़ाने के बाद वह न्यूयॉर्क चली गईं। यहां उन्होंने अपना खुद का बैंड शुरू किया। इसके बाद से फाल्गुनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह अमेरिका में होने वाले म्यूजिक शो में परफॉर्म करने लगी, यहीं से उनके फैंस की संख्या बढ़ती गई और वह ग्रैमी तक का सफर तय कर पाई।
‘ग्रैमी जीतना एक जादू जैसा, अभी भी नहीं कर पा रही यकीन’ – फाल्गुनी
ग्रैमी अवॉर्ड जीतने पर फाल्गुनी इतनी खुश हैं कि उन्होंने अपनी खुश जाहिर करते हुए इसे एक जादू जैसा बताया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर ग्रैमी अवॉर्ड हाथ में लिए फोटो पोस्ट कर फाल्गुनी लिखती हैं कि ‘उनके पास इस जादुई दिन को बयान करने के लिए शब्द ही नहीं बचे हैं, वह अभी भी इस बात पर यकीन नहीं कर पा रही हैं कि उन्होंने सच में ग्रैमी अवॉर्ड जीता हैं’
2019 में भी ग्रैमी के लिए हुई थी नॉमिनेट, आज मिला मुकाम:
फाल्गुनी की बच्चों पर पहली एल्बम ‘फालू बाजार’ साल 2018 में तैयार की थी। जिसे साल 2019 में ग्रैमी के लिए बेस्ट चिल्ड्रन म्यूजिक एल्बम कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था, लेकिन तब वह ग्रैमी अवॉर्ड से बस एक कदम दूर रह गई। मगर इस बार उन्होंने ग्रैमी अपने नाम दर्ज करा ही लिया।
भारत की दूसरी महिला जिसे मिला Grammy Awards:
फाल्गुनी शाह से पहले साल 2015 में भारतीय मूल की ही नीला वसवानी ने बेस्ट चिल्ड्रन एल्बम के लिए ग्रैमी अवॉर्ड जीता था। यह अवॉर्ड उन्हें ‘आई एम मलाला’ का ऑडियो वर्जन तैयार करने के लिए मिला था। अमेरिका में ही पैदा हुई नीला एक अमेरिकन लेखिका हैं।