Ayurvedic Medicine To Cure Hepatitis: लिवर में सूजन होना हेपेटाइटिस की बीमारी से ग्रसित होना हैं। हेपेटाइटिस वायरस संक्रमण के कारण होने वाला रोग हैं। अलावा इसके अल्कोहल के अधिक सेवन से भी हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ता हैं। वैसे, तो हेपेटाइटिस से बचाव और इस रोग का इलाज संभव हैं। इसके लिए लोगों का जागरूक रहना भी जरूरी हैं। वहीं, आयुर्वेद में भी हेपेटाइटिस से बचने के लिए बेहतर इलाज उपलब्ध हैं। आयुर्वेद में इसे कामला रोग भी कहा जाता हैं। इसकी उत्पत्ति पित्त के रक्त से मिलने के कारण होती हैं। हेपेटाइटिस को लेकर राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय के कायचिकित्सा व पंचकर्म विभाग के प्रवक्ता डॉ. अजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि शुरुआत में हेपेटाइटिस के लक्षण बहुत सीमित और न के बराबर नजर आ सकते हैं। सबसे ज्यादा घातक हेपेटाइटिस बी और सी होता हैं।
हेपेटाइटिस के शुरुआती लक्षण सीमित
लीवर में पित्त का निर्माण होता हैं। यही पित्त जब लीवर विकृति से व अन्य किसी वजह से रक्त में मिलने लगता हैं तो कामला रोग होने की संभावना बढ़ जाती हैं। चिकित्सा में विलंब करने और भोजन में लापरवाही बरतने से कामला रोग ज्यादा उग्र होता जाता हैं। उदर में शूल की विकृति भी होती हैं। रोगी बहुत अधिक निर्बल और थकावट अनुभव करता हैं। औषधियों के साथ ही पंचकर्म विशेष रूप से विरेचन कर्म बहुत ही लाभदायक होता हैं।
हेपेटाइटिस होने की वजह-
आयुर्वेद के मुताबिक हेपेटाइटिस होने के जो कारण बताए गए, वह निम्न हैं,
वायरल संक्रमण के कारण
शराब के अधिक सेवन के कारण
ज्यादा मात्रा में कुछ खास दवाओं के सेवन से
दूषित खानपान और जल से
अधिक तीखा व मिर्च, मसाले वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से
पित्त नलिका में पथरी की वजह से
अधिक अम्लीय, क्षारीय, अति उष्ण, विरुद्ध और असात्म्य भोजन से
हेपेटाइटिस का आयुर्वेदिक इलाज
फैटी लिवर रोग, पीलिया और हेपेटाइटिस की समस्या से बचाव के लिए लिवर को सेहतमंद रखें। इसके लिए आप आयुर्वेदिक नुस्खे आजमा सकते हैं। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और खाद्य सामग्रियों को डाइट में शामिल करके लिवर को मजबूत कर सकते हैं। स्वस्थ लिवर के लिए इन आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाएं।
पपीता
पपीता कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता हैं। लिवर की सेहत के लिए भी पपीते के फल और पत्तियों व बीच का सेव कर सकते हैं। अगर आपको पीलिया या लिवर सिरोसिस जैसी बीमारियों से दूर रहना हैं तो पपीते का सेवन करें। आप पपीते के बीजों को धूप में सुखाकर उसे पीस लें और इसका पाउडर एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच मिलाकर रोजाना पीएं। इस पेय जल में नींबू का रस मिला सकते हैं। चाहें तो पत्तियों को पीस कर इसका रस निकालकर रोजाना पिएं।
त्रिफला
रोजाना सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण एक चुटकी खाएं। इस से मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता हैं। खून साफ होता हैं और शरीर डिटॉक्सीफाई होता हैं।
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लहसुन
लिवर की सेहत के लिए लहसुन फायदेमंद हैं। कई लिवर की बीमारियों के खतरे को भी लहसुन कम कर सकता हैं। लहसुन लिवर में वसा के संचय को रोकता हैं। शरीर से टॉक्सिन निकालने में मदद करता हैं।
आंवला
विटामिन-C से भरपूर ये खट्टा फल लिवर को स्वस्थ रखता हैं। आंवले को आप कच्चा, जूस बनाकर या आंवला पाउडर का सेवन कर सकते हैं। अच्छे परिणामों के लिए खाली पेट आंवला के सेवन करें।