Indore बना लगातार 5वीं बार सबसे स्वच्छ शहर

Indore became the cleanest city for the 5th time in a row

नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने दिल्ली में आयोजित ‘स्वच्छ अमृत महोत्सव’ के तहत स्वच्छ शहरों को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 प्रदान किया। इस दौरान इंदौर (Indore) को लगातार 5वीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। सूरत को इस सूची में दूसरा स्थान मिला, जबकि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा को देश के तीसरे सबसे स्वच्छ शहर बनने पर सम्मानित किया गया। वहीं, केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे स्वच्छ गंगा शहर की श्रेणी में यूपी के वाराणसी को पहला स्थान मिला है। अलावा इसके भारतीय राज्यों की सूची में छत्तीसगढ़ ने “देश के सबसे स्वच्छ राज्य” के रूप में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।

देशवासियों की सोच में आया बदलाव

दिल्ली में आयोजित ‘स्वच्छ अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा, ‘देशवासियों की सोच में बदलाव, स्वच्छ भारत अभियान की बहुत बड़ी सफलता है। आज यह बदलाव व्यापक स्तर पर हुआ है। अब तो बहुत से परिवारों में छोटे बच्चे भी परिवार के बड़े लोगों को गंदगी फैलाने से रोकते हैं।’ उन्होंने कहा कि वे बच्चे उन्हें कोई भी चीज सड़क पर फेंकने से टोकते हैं। ऐसे बदलाव के लिए मैं देशवासियों को बधाई देता हूं। स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए मैं सफाई मित्रों और सफाईकर्मियों की विशेष रूप से सराहना करता हूं।

क्या है स्वच्छ सर्वेक्षण?

जानकारी के लिए बता दें कि भारत को गंदगी और कचरे से मुक्त बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के तहत केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण आयोजित किया जाता है, जिसमें शहरों में स्वच्छता की स्थिति का आकलन किया जाता है। इस सर्वे में 342 शहरों को स्वच्छता और कचरा मुक्त के लिए स्टार रेटिंग मिली है। वर्ष 2016 में इस सर्वेक्षण में सिर्फ 73 प्रमुख शहरों ने हिस्सा लिया था, वहीं 2021 में 4,320 शहरों ने स्वच्छ सर्वेक्षण में हिस्सा लिया है।

बताना चाहेंगे कि यह स्वच्छ सर्वेक्षण का छठा संस्करण है, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण बन गया है। बीते वर्ष करीब 1.87 करोड़ नागरिकों ने स्वच्छता सर्वे में अपनी राय दी थी, वहीं इस बार 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस साल रिकॉर्ड 28 दिनों में यह स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया है।

तीन श्रेणीं में बांटें गए शहर

बता दें कि वर्ष 2018 में 56 शहरों में से कुछ को ही स्टार रेटिंग सर्टिफिकेशन से सम्मानित किया गया था। हालांकि, इस वर्ष यह संख्या 342 शहरों तक हो गई है। इस दौरान तीन श्रेणियों में शहरों को बांटा गया है। इसमें फाइव-स्टार शहर, थ्री-स्टार शहर और वन-स्टार शहर की कैटेगरी बनाई गई है।

इसमें 9 शहरों को फाइव स्टार, 166 को थ्री स्टार और 167 शहरों को वन स्टार की श्रेणी में रखा गया है । इसके अलावा, इस साल की सर्टिफिकेशन प्रोसेस में भी 2,238 शहरों की भागीदारी है, जो शहरी भारत की कचरा-मुक्त भारत के दृष्टिकोण के प्रति संकल्प को दर्शाता है।

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