नई दिल्ली: 20 साल से भी ज़्यादा समय तक जिस माचिस की तत्कालीन क़ीमत सिर्फ 25 पैसे थी, मंहगाई से वो भी बच न सकी, माचिस की क़ीमत 25 पैसे 50 हुए, फिर बढ़ कर एक रुपये और अब माचिस की कीमत 14 साल बाद बढ़कर दो रुपये हो गई। पेट्रोल, डीज़ल की बढ़ती क़ीमत की आंच अब माचिस तक पहुंच चुकी है। नई कीमतें एक दिसंबर से लागू होंगी।
सिगरेट से लेकर रसोई के चूल्हे तक माचिस अब खुद मंहगाई की आग में झुलस रही है, दुकानों से सिगरेट खरीद कर मुफ्त में तिल्ली लेकर माचिस से आग सुलगाने और सिगरेट का कश लेने वाले अपनी आदतों में थोड़ी तबदीली लाएं क्योंकि अब माचिस के भी दिन फिर गए हैं, दो रुपये में बिक रही हैं।
जानकारी के लिए बता दें तमिलनाडु देश के 75 फीसदी उत्पादन के साथ माचिस के निर्माण में अव्वल है। इसके केंद्र शिवकाशी, विरुधुनगर, गुडियाथम और तिरुनेलवेली में स्थित हैं। अकेले शिवकाशी में 500 से अधिक लाइसेंस प्राप्त इकाइयां हैं।