International Holi Festival: पुष्कर के 52 घाटों को सवा लाख दीपों से सजाया गया

International Holi Festival

नई दिल्ली: देशभर में होली का सुरूर पूरी तरह छा चुका है और बाजारों की रौनक भी देखने लायक है। ऐसा ही एक नजारा पुष्कर में अन्तर्राष्ट्रीय होली महोत्सव (International Holi Festival) के तीसरे दिन देखने को मिला जहां 52 घाटों को सवा लाख दीपों से सजाया गया। इसके अलावा ब्रह्म चौक, होली का चौक और ब्रह्म वाटिका पर चंग, डफ, कच्छी घोड़ी और गैर नृत्य किया गया।

फूलों से सजाए गए घाट

पुष्कर के 52 घाट को और भी ज्यादा आकर्षित बनाने के लिए घाट को विभिन्न तरह के फूलों से सजाया गया है। अलावा इसके घाट में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। पुष्कर में परंपरागत होली मेला स्टेडियम से सटे रेतीले धोरों में आयोजित की गई है। कार्यक्रम का समापन धुलंडी (होली ) वाले दिन गऊ घाट पर महाआरती से किया जाएगा।

कैमल शो का किया गया आयोजन

पुष्कर में अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव को और भी ज्यादा आकर्षित बनाने के लिए मेला मैदान में कैमल शो का आयोजन किया गया और पदमश्री गुलाबो सपेरा द्वारा कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत किया गया। ऐसा माना जा रहा है कि अन्तर्राष्ट्रीय होली महोत्सव के आयोजन से इस महोत्सव से राजस्थान को एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी।

हेलिकॉप्टर राइड से देख सकेंगे नजारा

होली महोत्सव को नई पहचान देने के लिए अगले दो दिनों तक हेलिकॉप्टर राइड शुरू की गई है। पांच मिनट की राइड के दौरान पुष्कर होली महोत्सव और कस्बे के विभिन्न इलाकों को हेलिकॉप्टर के माध्यम से दिखाया जाएगा। इसके लिए प्रति व्यक्ति यात्री के लिए 6 हजार रुपए का शुल्क रखा गया है।

क्यों खास है पुष्कर की होली ?

International Holi Festival

राजस्थान में पुष्कर को लोग या तो वहां की संस्कृति या फिर होली की वजह से ही जानते हैं। पुष्कर में मुख्य तौर पर कपड़ा फाड़ होली खेली जाती है, जो ना सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी खासी लोकप्रिय है। हर साल पुष्कर में होली के दौरान देश विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं और जमकर होली का लुत्फ उठाते हैं। यहां के स्थानीय लोग के साथ विदेशी पर्यटक रंग और गुलाल के साथ जमकर होली खेलते हैं। इस दौरान कपड़े फाड़ने की एक अनूठी होड़ मचती है। इसके नजारे देखने के लिए लोग सुबह से ही अपने घरो की छतों पर बैठ जाते हैं।

राजस्थान के अन्य जगहों पर किस तरह से खेली जाती है होली ?

राजस्थान में मुख्यत: तीन तरह से होली खेली जाती है। पहली माली होली होती है जिसमें माली जात के आदमी, औरतों पर पानी डालते हैं और बदले में महिलायें पुरुषों को लाठियों से पिटाई करती है। इसके अलावा गोदाजी की गैर होली और बीकानेर की डोलची होली भी बेहद लोकप्रिय है। वहीं श्रीगंगानगर में भी होली मनाने का खास अंदाज है जहां देवर भाभी के बीच कोड़े वाली होली खेली जाती है जो काफी लोकप्रिय है।

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