पुरी: आज पुरी में भगवान Jagannath की रथयात्रा निकलेगी। भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। कोरोना महामारी की वजह से दो साल बाद अंतराल आम भक्तों को भी रथ यात्रा में शामिल होने अनुमति दी गई हैं।
ओडिशा के पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य माधव चंद्र पूजापंडा ने बताया कि सुबह मंदिर से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्ति से एक-एक माला उठाकर उनके रथों पर रखी गई। इसके बाद दक्षिण की ओर रथ को खींचते हुए मंदिर के पास लाया गया। करीब एक लाख भक्त इस परंपरा में शामिल हुए।
शुक्रवार सुबह 7 बजे भगवान जगन्नाथ बड़े भाई और बहन के साथ मंदिर से बाहर आएं। दोपहर 1:30 बजे रथ चलना शुरू होगा। इधर, PM मोदी ने रथयात्रा की बधाई दी हैं। उन्होंने कहा- हम भगवान जगन्नाथ से उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। हम सभी को अच्छे स्वास्थ्य और खुशियों का आशीर्वाद मिले।
10 दिन की यात्रा पर निकलते हैं भगवान Jagannath :
ये यात्रा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से शुरू होती हैं। पुरी मंदिर से शुरू होकर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और सुभद्रा जी के रथ गुंडिचा मंदिर पहुंचते हैं। यहां भगवान जगन्नाथ जी, बलभद्र जी और सुभद्रा जी आषाढ़ शुक्ल दशमी तक रुकते हैं। इसके बाद अपने मुख्य मंदिर लौट आते हैं।
रेत पर रिकॉर्ड 125 रेत रथों की कलाकृति बनाई गई:
मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने जगन्नाथ रथयात्रा की पूर्व संध्या पर पुरी में रेत पर मंदिर की आकृति बनाई। सुदर्शन ने 125 रेत रथ और भगवान जगन्नाथ की रेत की मूर्ति बनाई। उन्होंने कहा कि यह हमारा नया विश्व रिकॉर्ड होगा। इस दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकने के लेकर भी रेत पर स्लोगन लिखे गए।