हल्द्वानी/नई दिल्ली: शहीद लांस नायक चंद्रशेखर (Lance Naik Chandrashekhar) का पार्थिव शरीर हल्द्वानी पहुंच चुका है। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां लोगों को सैलाब उमड़ पड़ा है। शहीद Chandrashekhar का पार्थिव शरीर मंगलवार को घर नहीं पहुंच सका था। स्थानीय लोगों ने शहीद को सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए पूरी गली को ही तिरंगामय कर दिया। अंतिम विदाई देने के लिए फूलों से सजी गाड़ी भी तैयार की गई है। जब पता चला कि पार्थिव शरीर मंगलवार को नहीं लाया जा सका तो मायूसी छा गई थी।
शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर देशभक्ति के जयघोष के साथ में घर पर लाया गया। जहां तकरीबन 10 मिनट परिजनों को अंतिम दर्शन कराए गए। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि स्थल पर लाया गया है। जहां सीएम पुष्कर सिंह धामी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
मंगलवार को मेयर जोगेंद्र सिंह रौतेला भी शहीद के घर पहुंचे और परिजनों को हौसला बढ़ाया। सियाचिन में 38 वर्ष पहले शहीद हुए लांसनायक चंद्रशेखर की पार्थिव शरीर खराब मौसम के चलते मंगलवार को घर नहीं लायी जा सकी थी। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार लेह-लद्दाख में मौसम सामान्य होते ही पार्थिव शरीर को हल्द्वानी लाया जाना था।
बता दें कि अल्मोड़ा के निवासी चंद्रशेखर हर्बोला 19-कुमाऊं रेजीमेंट में लांसनायक थे। मई 1984 में सियाचिन में पेट्रोलिंग के दौरान 20 सैनिकों की टुकड़ी ग्लेशियर की चपेट में आ गई थी। इनमें लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला समेत किसी भी सैनिक के बचने की उम्मीद नहीं रही।
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बीते 14 अगस्त को उनके परिजनों को पार्थिव शरीर मिलने सूचना दी गई थी। पार्थिव शरीर मंगलवार को हल्द्वानी लाया जा रहा था पर खराब मौसम रुकावट बन गया था और फिर बुधवार को पार्थिव शरीर लगाया गया। इधर, शहीद चंद्रशेखर का पार्थिव मिलने की सूचना पर 38 वर्ष पुराना दर्द एक बार फिर उनके परिजनों की आंखों में नजर आया।