वाशिंगटन: अमेरिका के समुद्री तट पर नौसेनाओं का बहुपक्षीय अभ्यास ‘Sea Dragon-23’ शुरू हो गया है। इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारत का समुद्री टोही विमान P8I अमेरिका के ग्वाम में पहुंच गया। इस सैन्य अभ्यास में भारत-अमेरिका के अलावा जापान, कनाडा और कोरिया की नौसेनाएं हिस्सा लेकर अपने समुद्री अनुभव एक-दूसरे से साझा करेंगी।
नौसेना का तीसरा सैन्य अभ्यास
यह अमेरिका की नौसेना द्वारा संचालित तीसरा सैन्य अभ्यास है, जिसमें लंबी दूरी वाले एमआर एएसडब्लू विमानों के लिये बहुपक्षीय ASW अभ्यास आयोजित किया जाता है। यह सैन्याभ्यास 15 मार्च से 30 मार्च तक चलेगा। इस दौरान सैन्याभ्यास में हिस्सा लेने वाले देश पनडुब्बी-रोधी संयुक्त कार्रवाई का अभ्यास करेंगे। इन सैन्य अभ्यासों को पिछले कई वर्षों के दौरान लगातार बढ़ाया जाता रहा है, ताकि उन्नत ASW अभ्यास को शामिल किया जा सके। इसके साथ ही अभ्यास के दौरान सी-ड्रैगन 23 की क्षमताओं को भी परखा जाता है।
क्या है Sea Dragon अभ्यास ?
सी-ड्रैगन एक अमेरिकी नेतृत्व वाला बहु-राष्ट्रीय अभ्यास एक वार्षिक अभ्यास है और इसकी शुरुआत 1992 में हुई थी। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक समुद्री सुरक्षा चुनौतियों के जवाब में एक साथ संचालित करने के लिये पनडुब्बी रोधी युद्ध रणनीति का अभ्यास करने हेतु इसे डिज़ाइन किया गया है।
P8I भारतीय नौसेना का करेगा प्रतिनिधित्व
इसके साथ ही सभी देशों की नौसेनाओं के बीच सामरिक स्तर पर अभ्यास की गतिविधियों का आदान-प्रदान भी किया जाएगा। इसके अलावा सैन्य अभ्यास में समुद्री टोही विमान- P8I भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व करेगा, जबकि अमेरिकी नौसेना का P8A, जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल का P1, कनाडा की शाही वायुसेना की CP-140 और कोरिया गणराज्य की नौसेना का P3C विमान हिस्सा लेगा। इस सैन्य अभ्यास का मकसद मित्र नौसेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल बिठाना है, जो उनके साझा मूल्यों तथा मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत के लिये संकल्प पर आधारित है।