ताइपे/नई दिल्ली: ताइवान यात्रा समाप्त करने के बाद अमेरिकी संसद की स्पीकर Nancy Pelosi दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो गई हैं। बता दें कि पेलोसी मंगलवार देर रात ताइवान पहुंची थीं। पेलोसी के पहुंचते ही चीन आगबबूला हो गया और ताइवान पर कई प्रतिबंध लगा दिए। इतना ही नहीं चीनी सेना ने 21 सैन्य विमानों से ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरकर अपनी ताकत दिखाई।
चीन ने अब तक क्या किया?
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी चीन के विरोध के बावजूद मंगलवार को ताइवान की राजधानी ताईपेई पहुंच गईं थीं। 25 साल बाद ये पहली बार था, जब अमेरिकी स्पीकर ताइवान के दौरे पर थीं। इससे पहले 1997 में उस समय के स्पीकर न्यूट गिंगरिक यहां पहुंचे थे। पेलोसी के दौरे से बौखलाए चीन ने तमाम एलान कर डाले। ताइवान और अमेरिका को डराने की हर कोशिश की।
क्या हैं चीन-ताइवान के बीच विवाद ?
ताइवान दक्षिण पूर्वी चीन के तट से करीब 100 मील दूर स्थिति एक द्वीप हैं। ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता हैं। उसका अपना संविधान हैं। ताइवान में लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार हैं। वहीं चीन की कम्युनिस्ट सरकार ताइवान को अपने देश का हिस्सा बताती हैं। चीन इस द्वीप को फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहता हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान और चीन के पुन: एकीकरण की जोरदार वकालत करते हैं। ऐतिहासिक रूप से से देखें तो ताइवान कभी चीन का ही हिस्सा था।
नैंसी पेलोसी दक्षिण कोरिया के लिए रवाना
ताइवान की यात्रा समाप्त करने के बाद अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो गई हैं। इन सब के बीच चीन ने एक बार फिर से हमला बोला हैं। चीन ने कहा कि अब ताइवान स्ट्रेट के पास सैन्य अभ्यास बेहद जरूरी हैं।