नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज विदेश व्यापार नीति 2023 का अनावरण किया। ये नई विदेश व्यापार नीति कल यानी एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। इस दौरान वाणिज्य मंत्री ने बताया है कि जीडीपी की ग्रोथ 07 फीसदी रहने वाली है।
लक्ष्य से ज्यादा हुआ व्यापार
विदेश व्यापार नीति 2023 का अनावरण करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर बहुत सारी समस्याओं के बावजूद हमारे लिए मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 अच्छा रहा है। हमने 750 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा था लेकिन ऐसा लग रहा है कि हम 765-770 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएंगे। इस पॉलिसी का लक्ष्य भारत के निर्यात को 2030 तक दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है।
2,500 करोड़ की योजना हुई तैयार
नई विदेश व्यापार नीति के तहत पहले चरण के लिए 2200-2500 करोड़ की योजना तैयार की गई है। मंत्रालय इसको बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार कर चुका है। हर जिले में एक्सपोर्ट हब बनाया जाएगा। निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से हर जिले में एक्सपोर्ट प्रमोशन कमेटी बनाई गई है।
MSME क्षेत्र में होंगे क्रांतिकारी बदलाव
विदेश व्यापार महानिदेशालय ( DGFT) के महानिदेशक संतोष सारंगी ने कहा कि नई नीति के आने से MSMEs के विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव होंगे। सरकार कई देशों से ट्रेड एग्रीमेंट्स कर रही है। विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए विभाग में कई बदलाव किए जाएंगे। इसमें कॉर्पोरेट जगत के लोगों को शामिल किया जाएगा। संबन्धित सेक्टर के एक्सपर्ट नीति निर्माण का हिस्सा होंगे।
और क्या होगा नया ?
नई विदेश व्यापार नीति में डेयरी क्षेत्र को औसत निर्यात दायित्व बनाए रखने से छूट दी जाएगी। इसके अलावा कपड़ों पर विशेष अग्रिम प्राधिकरण योजना का विस्तार होगा। ई-कॉमर्स निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए भी ये पॉलिसी कारगर साबित होगी। इसके जरिए मंत्रालय ने 2023 तक 200-300 अरब अमेरिकी डॉलर तक निर्यात बढ़ने की उम्मीद जताई है। विदेश व्यापार नीति ने निर्यात दायित्व में चूक के एकमुश्त निपटान के लिए एमनेस्टी योजना पेश की। कूरियर सेवाओं के माध्यम से निर्यात के लिए मूल्य सीमा पांच लाख रुपये प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर दी गई है।
कोरोना के कारण हुई देरी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने तीन साल के अंतराल के बाद नई विदेश व्यापार नीति तैयार की है। पिछली विदेश व्यापार नीति 1 अप्रैल, 2015 को लागू की गई थी और इसके समाप्त होने की तिथि 2020 थी लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप और लॉकडाउन की वजह से इस नीति को कई बार विस्तार दिया गया। इसे अंतिम बार सितंबर 2022 में 31 मार्च 2023 तक के लिए बढ़ाया गया था। यह 31 मार्च 2023 को समाप्त हो जाएगी।
ये नीति 5 साल के लिए होगी
नई विदेश व्यापार नीति अगले पांच साल के लिए होगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय ( DGFT) के महानिदेशक संतोष सारंगी ने कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि इस नीति की कोई अंतिम तिथि नहीं है, इसे समय-समय पर अपडेट किया जाएगा। इस पॉलिसी के जरिए निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।