नई दिल्ली: भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजीमेंट (Artillery Regiment), जिससे दुश्मन की सेना खौफ खाती है। अब महिलाएं भी इस घातक रेजीमेंट का हिस्सा बनने जा रही हैं। गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने इसकी घोषणा की। सेना दिवस से पूर्व उन्होंने कहा कि महिला अधिकारियों को भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजीमेंट में कमीशन दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसके लिए सेना की तरफ से सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है। जनरल पांडे ने कहा कि हमें आशा है कि जल्द ही इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना में होने वाले प्रमुख परिवर्तनों पर भी अपने विचार रखे।
आतंकियों को सीमापार से सपोर्ट
सेना प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में कहा, फरवरी 2021 में हुआ संघर्ष विराम वहां पर अच्छी तरह से जारी है पर आतंकवाद और आतंकी ढांचे को सीमा पार से समर्थन अभी भी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर स्थिति स्थिर है लेकिन अप्रत्याशित है। हम सात मुद्दों में से पांच को हल करने में सफल रहे हैं। हमने सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बात करना जारी रखा हुआ है। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त भंडार है। वहीं, उन्होंने पूर्वोत्तर की स्थिति के बारे में कहा कि पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में शांति है। आर्थिक गतिविधियों और विकास की पहल के अच्छे परिणाम मिले हैं।
आर्टिलरी रेजीमेंट क्या है ?
भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजीमेंट किसी भी युद्ध की परिस्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आज यह भारतीय सेना की दूसरी सबसे बड़ी शाखा है, जिसका काम भारतीय सेना के जमीनी अभियानों के दौरान सेना को मारक क्षमता प्रदान करना है। इस रेजीमेंट को प्रमुख तौर पर दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्सा घातक हथियारों के प्रसिद्ध है, जिसमें मिसाइल, रॉकेट्स, मोर्टार, बंदूकें, तोप होते हैं। वहीं, दूसरे हिस्से में ड्रोन, रडार, सर्विलांस सिस्टम होता है। युद्ध के दौरान इस रेजीमेंट ने दुश्मन को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया था।