300 से ज्यादा फिल्मों में नजर आने वाले तेलुगु सुपरस्टार NTR यानी नंदमुरी तारक रामा राव की आज बर्थ एनिवर्सरी हैं। रामा राव एक जाने-माने एक्टर, फिल्म निर्माता और राज नेता भी थे। एनटीआर ने 1982 में तेलगु देशम पार्टी की स्थापना की और पॉलिटिक्स में एंट्री ली। एनटीआर इतने पॉपुलर थे कि लोग इन्हें देवता ही मानते थे। इसका फायदा इनको राजनीतिक करियर में भी मिला। रामाराव फेमस एक्टर Jr NTR के दादा जी हैं।
एक्टिंग में करियर बनाने के लिए रजिस्ट्रार की नौकरी को छोड़ दिया:
एनटीआर 28 मई 1923 को आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव में पैदा हुए थे। इनके माता-पिता किसान थे। बाद में इन्हें इनके मामा ने गोद ले लिया। जिस साल देश को आजादी मिली, उसी साल इन्हें मद्रास सर्विस कमीशन में सब रजिस्ट्रार की बढ़िया नौकरी मिली। लेकिन एक्टिंग में करियर बनाने के चलते इन्होंने केवल तीन हफ्ते में ये नौकरी छोड़ दी।
आर्थिक स्थिति के लिए दूध बेचने का काम भी किया: NTR
इनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए पढ़ाई के दौरान रामा राव परिवार की मदद करने के लिए विजयवाड़ा के स्थानीय होटलों में दूध बेचने का काम भी करते थे। 1942 में इन्होंने अपने मामा की बेटी के साथ शादी किया। इन्होंने दो शादी किए थे। कुल मिलाकर इनकी 12 संतानें थीं। इसमें आठ बेटे और चार बेटियां थीं। साल1993 में 70 साल की उम्र में रामा राव ने तेलुगु लेखक लक्ष्मी पार्वती से दूसरी शादी की लेकिन इनके के परिवार ने लक्ष्मी को कभी स्वीकार नहीं किया।
इन्होंने 17 फिल्मों में कृष्ण का किरदार निभाया था:
कहा जाता हैं कि एनटीआर का स्कूल के दिनों से ही एक्टिंग के प्रति झुकाव था। स्कूल में इन्होंने जो पहला प्ले किया, उसमें वो महिला बने थे। 1949 अपनी पहली माना देशम ने इन्होंने एक पुलिस अफसर का किरदार निभाया। एनटीआर ने ज्यादातर धर्म आधारित फिल्मों में ही काम किया। इन्होंने 17 फिल्मों में कृष्ण का किरदार निभाया था।
फिल्मी सफर के जैसा ही इनका राजनीतिक सफर भी बहुत दिलचस्प था:
बात हैं 80 के दशक के शुरुआती दिनों की। एक प्रोग्राम में शामिल होने के लिए रामा राव नेलोर पहुंचे थे और वहां सरकारी गेस्ट हाउस गए। गेस्ट हाउस में सिर्फ एक ही कमरा खाली था, जो वहां के एक मंत्री के लिए बुक हो चुका था. रामा राव ने गेस्टहाउस के स्टाफ से जिद करके कमरा अपने लिए खुलवा लिया। लेकिन इसी बीच मंत्री महोदय आ पहुंचे और रामा राव को कथित तौर पर अपमानित होकर कमरा छोड़ना पड़ा था।
रामा राव ने ये आपबीती अपने मित्र नागी रेड्डी को सुनाई। फिर नागी रेड्डी ने कहा कि ‘भले ही तुम कितनी भी दौलत और शोहरत हासिल कर लो, लेकिन असली पावर तो नेताओं के पास ही होती हैं।’ ये बात सुनने के बाद रामा राव ने फैसला कर लिया कि यह अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे।
एक बार राजीव गांधी हैदराबाद के दौरे पर थे। पर जब राजीव एयरपोर्ट पहुतें तो वहां बहुत भीड़ थी। ये देखकर राजीव तत्कालीन CM टी अंजैया को खूब खरी-खोटी सुनाई। रामा राव ने इस घटना को एक सुनहरे मौके के तरह लिया। इन्होंने राजीव गांधी द्वारा टी अंजैया के अपमान को आन्ध्र प्रदेश के लोगों का अपमान बताया और साथ ही इन्होंने कहा, ‘मैं लगभग 60 साल का हो गया हूं। 300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुका हूं, और अब लोगों की सेवा करना चाहता हूं।’
1983 से 1994 के बीच यह तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने:
एनटीआर ने 1982 में तेलगु देशम पार्टी की स्थापना की। फेमस एक्टर होने के चलते एनटीआर और इनकी पार्टी को जबरदस्त सफलता मिली। इसी के साथ यह आंध्र प्रदेश के 10वें मुख्यमंत्री बने। 1983 से 1994 के बीच यह तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।