नई दिल्ली: ऑपरेशन दोस्त (Operation Dost) के तहत भूकंप प्रभावित तुर्की में राहत एवं बचाव कार्य के लिए गई एनडीआरएफ की पहली टीम भारत लौट आई। टीम के जांबाज सदस्यों का हिंडन एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। इस टीम में डॉग स्क्वायड के छह डॉग भी शामिल थे, जो लौट आये। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भूकंप से तबाह तुर्की में एनडीआरएफ द्वारा किए जा रहे बचाव और राहत कार्यों की दुनिया भर में व्यापक रूप से सराहना की गई है। हमारी डिजास्टर रिलीफ की टीम ने जो काम किया है उसकी प्रशंसा पूरी दुनिया में हो रही है। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था कि भारत सेवाएं और सहयोग लेता था आज नए भारत में सहयोग करने का काम हुआ है। भारत की छवि और क्षमता दोनों बदली है और ये बदलते भारत की तस्वीर है।
भारत ने NDRF की टीमें भेजकर शुरू किया था ऑपरेशन दोस्त
तुर्की में छह फरवरी को भूकंप आने के 24 घंटे के भीतर यानी सात फरवरी को भारत ने एनडीआरएफ की टीमें भेजकर ऑपरेशन दोस्त शुरू किया था। एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जानें बचाईं। गाजियाबाद के साथ ही कोलकाता और वाराणसी से भी एनडीआरएफ की टीमें तुर्की गई थीं। करीब दस दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की टीम शुक्रवार को भारत लौट आई।
उड़ान में 35 टन से अधिक राहत सामग्री
भारत ने शक्तिशाली भूकंप से प्रभावित तुर्किये को मानवीय सहायता प्रदान की थी। एनडीआरएफ जवान भारतीय वायु सेना के सी-17 विमान से राहत सामग्री लेकर तुर्की के लिए रवाना हुए थे। इसमें विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड के साथ आवश्यक उपकरण, चिकित्सा आपूर्ति, ड्रिलिंग मशीन समेत अन्य जरूरी सामान शामिल थे।
भारत के प्रयासों को वैश्विक सराहना मिली
बीते कुछ वर्षों में भारत ने दूसरे देशों में घटित आपदाओं से निपटने में काफी दक्षता दिखाई है। भारत के इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर काफी सराहा भी गया है। पड़ोसी देशों में भी जब भी कोई आपदा आती है। भारत संकटमोचक रूप धारण कर बचाव और राहत के काम में जुट जाता है। वर्तमान में भारत तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में फंसे लोगों की मदद करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। भारत ने सदैव वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा के साथ विश्व को अपना परिवार माना है। भारत कई अंतरराष्ट्रीय मौकों पर इसे साबित भी कर चुका है। फिर चाहे सुनामी के समय श्रीलंका और अन्य देशों की मदद हो या फिर कोरोना काल में चलाया गया वैक्सीन मैत्री अभियान। भारत ने हमेशा आगे बढ़ कर सबकी मदद की है।