OTT रिव्यू: पम्मी के विद्रोह की कहानी हैं एक बदनाम आश्रम 3, ऑडियंस को बांधने में प्रकाश झा पड़े कमजोर

मुंबई: आश्रम OTT Ashram web series का पहला और दूसरा पार्ट लोगों को काफी पसंद आया था। तीसरे भाग आने का इंतजार किया जा रहा था। 3 जून को यह इंतजार पूरा हुआ। ‘बाबा निराला’ का जब आश्रम खुला तो ईशा गुप्ता ग्लैमरस अवतार में दिखाई दी। उनकी एंट्री कराके शो मेकर्स इस सीजन को और भी मनोरंजक बनाने की कोशिश की हैं। इस सीजन में बाबा को भगवान बनने की कहानी दिखाया हैं। लेकिन सीजन की रफ्तार धीमी होने की वजह से देखने वाले थोड़े निराश हुए। ट्विवटर पर भी कहानी की धीमी रफ्तार को लेकर चर्चे हो रहे हैं।

कहानी- आश्रम 3 की कहानी शुरू होती हैं पम्मी के विद्रोह से जहां वह बाबा निराला के धाम से निकलकर बाहर भागती हैं। लेकिन इसके पीछे भूपा और उसके गुंडे अभी भी पीछे पड़े रहते हैं, जिसके चलते वह शहर भर में छुपती छुपाती रहती हैं। पम्मी अपनी आवाज भी उठाती हैं, फिर भी उसकी सुनवाई नहीं होती क्योंकि बाबा निराला इस बार और शक्तिशाली हैं। वह सरकार भी चलाता हैं, उसके चेले और भी निर्भीक हैं।

एक्टिंग- बाबा निराला बने बॉबी देओल ने इस सीरीज में अपने करियर की बेस्ट एक्टिंग की हैं। उन्होंने कैरेक्टर को पूरी तरह से समझ इसमें उतरे हुए नजर आते हैं। बाबा के सहयोगी बने भोपा यानी चंदन रॉय सान्याल भी अपने किरदार को मजबूती से निभाया हैं। पम्मी के रोल में अदिती पहनकर ने बस ठीक ही काम किया हैं, ऐसा लगता हैं कि बस उन्हें किसी तरह इसे करना था। इस सीजन में सोनिया नाम के कैरेक्टर की एंट्री हुई हैं जिसे ईशा गुप्ता ने निभाया हैं।

राइटिंग और डायरेक्शन- एक बदनाम आश्रम 3 में 10 एपिसोड हैं। इसको 5 लोगों ने मिलकर लिखा हैं, लेकिन पूरा सीजन बहुत लंबा खीचा गया हैं। कुछ एपिसोड ऐसे हैं, जिन्हें नहीं होना चाहिए था। डायरेक्शन के लिहाज से प्रकाश झा का काम औसत हैं। लेकिन उन्होंने बाबा की लैविश लाइफ को स्क्रीन पर अच्छे से दिखाया हैं।

कनक्लूजन- 10 एपिसोड की इस सीरीज को आप देख सकते हैं। अगर आप इसके दो सीजन पहले देखे हैं तब भी आप इसे बिंच वॉच नहीं कर पाएंगे।

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