PANDORA PAPERS में अनिल अंबानी,सचिन तेंदुलकर और जैकी श्रॉफ का नाम

Incidents of border violations happen on India-China border, we give a befitting reply- ITBP


नई दिल्ली: PANDORA PAPERS में अनिल अंबानी, सचिन तेंदुलकर का भी नाम है, पत्नी अंजलि और ससुर को भी मिले थे 60 करोड़ रुपए के शेयर्स सचिन तेंदुलकर, उनकी पत्नी अंजली तेंदुलकर और ससुर आनंद मेहता के नाम से ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में सास इंटरनेशनल नाम की एक कंपनी रजिस्टर्ड थी। इसकी कंपनी की जानकारी पहले पनामा पेपर्स लीक में आई थी, जिसके बाद इसे लिक्वीडेट कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा के मनोनीत सदस्यों को लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों की तरह अपनी संपत्ति का ब्योरा देने की आवश्यकता नहीं है।

अनिल अंबानी का भी नाम पेपर लीक में सामने आया है। दिलचस्प बात यह है कि अनिल अंबानी ने ब्रिटेन की एक अदालत में दिवालिया घोषित कर दिया और दावा किया कि उनकी कुल संपत्ति शून्य थी। यह दावा फरवरी, 2020 में तीन चीनी बैंकों के साथ उनके विवाद के दौरान किया गया था। इस पर कोर्ट ने संदेह जताया था

बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ

बायोटेक उद्यमी का उल्लेख उनके पति जॉन मैक्कलम मार्शल शॉ के संबंध में किया गया है जो रडार पर आ गए हैं। वह एक ब्रिटिश नागरिक हैं और उनके द्वारा स्थापित ट्रस्ट से जुड़े एक प्रमुख व्यक्ति को जुलाई 2021 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।

कुणाल अशोक कश्यप भी सवालो के घेरे में है, मॉरीशस स्थित ग्लेनटेक इंटरनेशनल, ‘सेटलर’ द्वारा जुलाई 2015 में न्यूजीलैंड में स्थापित डीनस्टोन ट्रस्ट के ‘संरक्षक’ थे। नियामक अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं थी। बायोकॉन की किरण मजूमदार-शॉ का कहना है कि पति का अपतटीय ट्रस्ट ‘वास्तविक और वैध’ है।

भगोड़ा जौहरी नीरव मोदी की बहन

भगोड़े जौहरी नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी ने कथित तौर पर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में एक फर्म की स्थापना की। ट्रस्ट की स्थापना ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी, सिंगापुर के माध्यम से गठित एक अन्य ट्रस्ट के कॉर्पोरेट रक्षक के रूप में कार्य करने के लिए की गई थी।
नीरव मोदी जनवरी, 2018 में भारत से भाग गया। वह पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में वांछित है।

जैकी श्रॉफ का भी नाम

पेंडोरा के कागजात में कथित तौर पर बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ को उनकी सास द्वारा न्यूजीलैंड में स्थापित एक ट्रस्ट के प्रमुख लाभार्थी के रूप में उल्लेख किया गया है। ट्रस्ट का स्विस बैंक में खाता है। इसके पास ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में पंजीकृत अपतटीय कंपनी भी थी।

इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ने दस्तावेज़ लीक को वित्तीय गोपनीयता का अब तक का सबसे व्यापक खुलासा बताया है। कहा जाता है कि लगभग 12 मिलियन फाइलों का संग्रह जिसे ‘पेंडोरा पेपर्स’ कहा जाता है – इसमें कुल 35 वर्तमान और  पूर्व विश्व नेताओं, 300 से अधिक सार्वजनिक अधिकारियों और 100 अरबपतियों की गतिविधियों को कवर किआ गया है। बीबीसी पैनोरमा के अनुसार, जिसने गार्जियन के साथ एक संयुक्त जांच की अखबारों के खुलासे में इस बात का विवरण है कि किस तरह से प्रमुख और धनी लोग ब्रिटेन में गुप्त रूप से संपत्ति खरीदने के लिए कानूनी रूप से कंपनियां स्थापित कर रहे हैं।

जानें पेंडोरा पेपर्स हैं क्या?

पेंडोरा पेपर्स 11.9 मिलियन लीक हुए दस्तावेज़ों, तस्वीरों, ईमेल और स्प्रैडशीट्स से बना है, जिसकी मात्रा 2.9 टेराबाइट्स डिजिटल डेटा है।
यह खुलासा ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, पनामा, बेलीज, साइप्रस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और स्विटजरलैंड सहित देशों में 14 वित्तीय सेवा कंपनियों की फाइलों के लीक हुए डाटा  पर आधारित बताया गया है। फाइलें वाशिंगटन में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) को पास कर दी गईं, जिसने तब गार्जियन और सहित कई मीडिया संगठनों के साथ डेटा तक पहुंच साझा की।

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