नई दिल्ली: देश में अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए केंद्र सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कोरोना महामारी के बाद 16वीं पूर्व एशिया समिट में विश्वव्यापी भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखला पर जोर दिया। उन्होंने कहा- ‘अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के बीच समुचित संतुलन जूरूरी है। इसके अनुरूप ही जीवनशैली को अपनाया जाना चाहिए।’
बता दें कि पीएम मोदी ने बुधवार को 16वीं पूर्वी एशिया शिखर वार्ता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया। उल्लेखनीय है कि भारत ईएएस में सक्रिया भागीदारी करता है। इसी के साथ पीएम मोदी ने सातवीं बार पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में शिरकत की। वहीं शिखर वार्ता की मेजबानी ब्रुनेई ने EAS और आसियान के अध्यक्ष के रूप में की थी। इसमें आसियान देशों सहित ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस, अमेरिका और भारत सहित अन्य देशों के नेताओं की भागीदारी रही। भारत इस शिखर वार्ता का सक्रिय भागीदार रहा है। यह पीएम मोदी का 7वां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन था।
पीएम मोदी ने ‘हिन्द-प्रशांत महासागर पहल’ का किया जिक्र
शिखर वार्ता में विश्व नेताओं ने आतंकवाद के खतरे के साथ ही हिन्द-प्रशांत, दक्षिण चीन सागर सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान पीएम मोदी ने सम्मेलन में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने में ईएएस के महत्व को दोहराते हुए कहा कि संगठन अहम रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए देशों को करीब लाता है।
हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की व्यवस्था में आसियान देशों की केन्द्रीय भूमिका हो
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की व्यवस्था में आसियान देशों की केन्द्रीय भूमिका होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने भारत की ‘हिन्द-प्रशांत महासागर पहल’ का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने मुक्त, खुले और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत एक बहुपक्षीय विश्व, नियम आधारित और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप एक विश्व व्यवस्था का पक्षधर है, जिसमें सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो।
‘आसियान COVID-19 रिकवरी फंड के लिए भारत ने किया सहयोग‘
अपने संबोधन के दौरान, पीएम मोदी ने आसियान कोविड-19 रिकवरी फंड के लिए भारत के 10 लाख अमेरिकी डॉलर के सहयोग का उल्लेख किया। उन्होंने भारत-प्रशांत देशों को क्वाड प्रायोजित टीके उपलब्ध कराने की भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। इसके अलावा उन्होंने साइबर सुरक्षा पर वैश्विक मानक विकसित करने का विचार भी विश्व नेताओं के समक्ष रखा।
विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री का शिखर वार्ता के दौरान अन्य विश्व नेताओं से विचार का उपयोगी आदान-प्रदान भी हुआ। इसके अलावा शिखर वार्ता में मानसिक स्वास्थ्य, पर्यटन के जरिए आर्थिक बहाली और टिकाऊ बहाली से जुड़े 03 प्रस्तावों को स्वीकार किया गया। भारत इनका सह-प्रस्तावक था।